– पकड़ आने पर बोलते थे झूठ दरअसल अस्पताल मालिकों ने कार्रवाई से बचने के लिए झूठ का सहारा लेना शुरू कर दिया था। जब भी किसी सरकारी डॉक्टर के निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने की शिकायत मिलती तो सीएमएचओ की तरफ से अस्पताल को नोटिस जारी कर दिया जाता। जवाब में अस्पताल प्रबंधन यह कह देते कि हमें उस डॉक्टर ने नहीं बताया था कि वह सरकारी डॉक्टर है या प्राइवेट। इसलिए हम स्वास्थ्य विभाग को जानकारी नहीं दे पा रहे थे। ऐसे में अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से मांगा है कि अगर सरकारी डॉक्टर नहीं भी आ रहे हैं तो लिखित में दें कि हमारे यहां कोई भी सरकारी डॉक्टर या स्टाफ कार्यरत नहीं है। ऐसे में अब किसी अस्पताल में सरकारी डॉक्टर के प्रैक्टिस करने की शिकायत मिलती है तो अस्पताल के ऊपर कार्रवाई तय है । पिछले दिनों शहर के एक बड़े अस्पताल में ऐसा ही मामला सामने आ चुका है। एमवाय अस्पताल के एक डॉक्टर के ऊपर लापरवाही के आरोप लगे थे और शिकायत चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग को की गई थी। इस मामले में जांच में भी सामने आया था कि उत्तर डॉक्टर ने निजी अस्पताल में इलाज किया था लेकिन स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल ने इसकी जानकारी नहीं दी।
जानकारी नहीं दी तो होगी कार्रवाई हमने अस्पताल प्रबंधन को आखरी चेतावनी देते हुए कार्यरत डॉक्टरों की जानकारी मांगी है । जो अस्पताल प्रबंधन झूठी जानकारी देंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी । हमारे पास अस्पतालों से जानकारी आना शुरू हो गई है।
डॉ. प्रवीण जड़िया सीएमएचओ