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इधर टारगेट का दबाव, उधर पुलिस की मनमानी

locationइंदौरPublished: Sep 15, 2018 11:02:45 am

Submitted by:

Sanjay Rajak

शुक्रवार को जीआरपी पुलिस ने किया था विवाद

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इधर टारगेट का दबाव, उधर पुलिस की मनमानी

इंदौर. न्यूज टुडे.
इंदौर रेलवे स्टेशन टिकट चेकिंग स्टाफ को काम को लेकर दोहरी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल सामान्य दिनों में भी टारगेट इतना बढ़ा दिया गया है कि सुबह से शाम तक काम करने के बाद बमुश्किल पूरा होता है। इधर, जीआरपी पुलिस गलत तरीके से यात्रा कर रहे परिचित यात्रियों को दबाव बनाकर स्टेशन से बाहर कर देती है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार दोपहर में इसी तरह से एक जीआरपी कांस्टेबल ने अपने परिचित १४ यात्रियों को दबाव बनाकर बाहर निकाल लिया था। टीसी के मना करने पर भी कांस्टेबल ने दबाव बनाया और धमकी दी। घटनाक्रम के बाद से स्टेशन के सभी टीसी ने काम करना बंद कर दिया था और शाम को जीआरपी टीआइ, एसपी सहित डीआरएम को शिकायत की।
जानकारी के अनुसार उप मुख्य टिकट निरीक्षक विक्की जायसवाल रीवा-इंदौर ट्रेन को चेक कर रहे थे। इस दौरान १३ यात्री जो कि अनियमित टिकट लेकर यात्रा करते पाए गए। जब टीसी ने इन यात्रियों से किराए का अंतर भरने को कहा गया तो जीआरपी इंदौर के हेड कांस्टेबल बाबूलाल मीणा ने यात्रियों को बाहर करने के लिए टीसी को डराया और दबाव डाला। मना करने पर भी यात्रियों को प्लेटफॉर्म से बाहर कर दिया। मीणा ने कहा कि मेरे रिश्तेदार हैं जाने दो। इसके बाद देख लेने की धमकी भी दी।
पहले भी हो चुके हैं विवाद
शिकायत पत्र में बताया गया है कि इससे पहले भी जब बिना टिकट यात्रियों पर कार्रवाई के दौरान रेलवे कार्य में व्यवधान डाला जाता रहा है और यात्रियों को भगा दिया गया है। हेड कांस्टेबल मीणा के रवैये से रेलवे राजस्व का नुकसान हो रहा है। वैसे भी जीआरपी पुलिस का काम अपराध पर नजर रखना है, न कि यात्रियों की टिकट पर ध्यान देना। रतलाम मंडल के पीआरओ जितेंद्र कुमार जयंत ने बताया कि इस मामले में वरिष्ठ अफसरों को सूचित कर दिया गया है। कार्रवाई वहीं से की जाएगी।
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