पुलिसकर्मी को मिली ट्रेनिंग डीसीपी ने बताया, ड्रोन को ऑपरेट करने वाले पुलिसकर्मी को भोपाल ट्रेनिंग के लिए भेजा था। हाल ही में ड्रोन का पीटीसी में डेमो किया है। अब पुलिस ने संवेदनशील इलाकों पर नजर रखना शुरू कर दी है।
आसानी से दिखेगा नहीं करीब एक किमी ऊंचाई पर जाने के बाद ड्रोन पांच किमी दूर बगैर किसी रुकावट के आसानी से पहुंच जाता है। जिस स्थान की चौकसी के लिए भेजते हैं उसके चारों तरफ घूमकर फोटो, वीडियो रिकॉर्ड करने लगता है। यह ऑटो पायलट मोड पर काम करता है। कमांड मिलने पर सीधा टारगेट पर पहुंच जाता है।
बैटरी डाउन होते ही लौट आएगा ड्रोन किसी भी स्थान की निगरानी करीब एक घंटे तक करने में सक्षम है। यदि ऑपरेशन के दौरान उसकी बैटरी खत्म होने लगती तो वह खुद ही टेक ऑफ वाले स्थान पर पहुंच जाता है। यदि बीच ऑपरेशन में ड्रोन को बुलाना हो तो रिमोट का एक बटन दबाने पर वह कुछ ही देर में आ जाता है।