must read : हथौड़ा-डंडा लेकर टूट पड़े बदमाश, महिलाओं तक पहुंचने के लिए कार केफोड़े कांच जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की बेंच ने नीमच के आनंद मनावत द्वारा एडवोकेट अंजलि जामकेखड़कर की जनहित याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिए हैं। नोटिफिकेशन में संशोधन के मुद्दे पर राज्य सरकार से आठ सप्ताह में जवाब मांगा गया है। अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी। इसी मुद्दे पर हाई कोर्ट में एक अन्य याचिका पहले से विचाराधीन है, जिसमें शासन ने अपना जवाब पेश किया है। उसके मुताबिक 2015 में जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार वन विभाग की जमीन पर लगे 53 किस्म के पेड़ों को विभाग के एसडीएम और गांव के सरपंच की एनओसी लेकर काट सकते हैं। इन किस्मों में बबूल और आम सहित अन्य पेड़ शामिल थे। याचिका में आरोप है कि लकड़ी माफिया सरकार के नियम का दुरुपयोग कर जंगल साफ कर रहे हैं।