इंदौरPublished: Jan 27, 2022 11:33:54 am
विकास मिश्रा
शरीयत के आधार पर लिए गए फैसलों को कानूनी मान्यता नहीं : हाई
कोर्ट की टिप्पणी: तलाक से जुड़े मामलों में काजी समझौतों के लिए समझाइश दे सकते हैं, लेकिन कोर्ट की तरह फैसला नहीं सुना सकते।
शरियत को लेकर हाई कोर्ट बड़ा आदेश