scriptHigh Court canceled the ward reservation process | प्रदेश के नगर निगम चुनाव को लेकर की गई वार्ड आरक्षण प्रक्रिया हाई कोर्ट ने की निरस्त | Patrika News

प्रदेश के नगर निगम चुनाव को लेकर की गई वार्ड आरक्षण प्रक्रिया हाई कोर्ट ने की निरस्त

locationइंदौरPublished: Jan 11, 2022 04:30:24 pm

- बदलेंगे राजनीतिक समीकरण: वार्ड आरक्षण के अनुसार कई दावेदारों पिछले एक साल से कर रहे थे चुनाव की तैयारी

- रोटेशन प्रक्रिया में की गई थी नियमों की अनदेखी

 

 

प्रदेश के नगर निगम चुनाव को लेकर की गई वार्ड आरक्षण प्रक्रिया हाई कोर्ट ने की निरस्त
प्रदेश के नगर निगम चुनाव को लेकर की गई वार्ड आरक्षण प्रक्रिया हाई कोर्ट ने की निरस्त
इंदौर. प्रदेश में नगर निगम चुनावों को लेकर की गई वार्ड आरक्षण प्रक्रिया हाई कोर्ट ने निरस्त कर दी है। आरक्षण प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी को लेकर दायर याचिका पर जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाया। शासन ने वार्ड आरक्षण को लेकर 6 नवंबर 2020 को नोटिफिकेशन जारी किया था। कोर्ट द्वारा इसे निरस्त करने से यह आदेश पूरे प्रदेश में लागू होगा। हालांकि याचिका में इंदौर के वार्ड आरक्षण को चुनौती दी गई थी। कोर्ट के इस फैसले से निगम चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे कई दावेदारों के समीकरण बिगड़ जाएंगे। नोटिफिकेशन निरस्त होन से अब सरकार को पूरी प्रक्रिया नए सिरे से करनी होगी।युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयेश गुरनानी ने एडवोकेट विभोर खंडेलवाल के माध्यम से याचिका दायर की थी। खंडेलवाल ने बताया, वार्ड आरक्षण में संविधान के अनुच्छेद 243, मुनसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1956 की धारा 11 सहित वार्ड आरक्षण को लेकर 2003 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई गाइडलाइन का उल्लंघन किया था। याचिका में हमने इंदौर के 85 में से 16 वार्डों में आरक्षण नियमों की अनदेखी का मुद्दा उठाते हुए पूरे नोटिफिकेशन को ही चुनौती दी थी। 6 दिसंबर को याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था, जो सोमवार को सुनाया गया है। खंडेलवाल ने बताया, इंदौर मे 2014 के नगर निगम चुनाव को लेकर किए गए वार्ड आरक्षण के आधार पर इस बार वार्डों को रोटेशन के आधार पर एससी और एसटी वर्ग में रखा जाना था, लेकिन कुछ वार्डों को पिछली बार के वर्ग में ही रखा गया, जो गैर संवैधानिक है। रोटेशन का नियम हर नगर निगम चुनाव में लागू करना होता है। नियमों के अनुसार एक चुनाव में यदि कोई वार्ड एससी है तो अगले चुनाव में उसे किसी अन्य श्रेणी में रखना होता है। इसी तरह हर श्रेणी के वार्डों का आरक्षण हर चुनाव में बदलना जरूरी है।
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