गौरतलब है कि याचिका प्रस्तुत करने के बाद से ही पटेल की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हो रहा था। इस संबंध में कोर्ट द्वारा कई बार आदेश भी जारी किए गए लेकिन उनकी तरफ से सुनवाई के दौरान कोई उपस्थित नहीं हुआ। कोर्ट ने 8 मार्च 2022 को पटेल को अंतिम अवसर देते हुए कहा था कि अगली पेशी पर कोई उपस्थित नहीं हुआ तो कोर्ट सख्त रवैया अपनाएगी। इसके बावजूद पटेल की तरफ से सुनवाई में कोई उपस्थित नहीं हुआ तो न्यायमूर्ति अनिल वर्मा ने उनकी चुनाव याचिका निरस्त कर दी।
कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता को याचिका चलाने में कोई रूचि नहीं है। बार-बार आदेशों के बावजूद उनकी तरफ से कोई उपस्थित नहीं हो रहा। ऐसे में याचिका को आगे जारी नहीं रखा जा सकता।
महेंद्र हार्डिया 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर इंदौर-5 से विधायक चुने गए थे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल को करीब 1100 मतों से पराजित किया था। पटेल ने हार्डिया के निर्वाचन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि वे मतगणना में शुरू से ही आगे चल रहे थे लेकिन अंतिम दो चरणों में अचानक उनकी बढ़त कम हुई. बाद में हार्डिया को 1133 मतों से निर्वाचित घोषित कर दिया गया। पटेल ने याचिका में मतगणना के दौरान गड़बडी का आरोप भी लगाया था।