शहर में कोरोना के फैलते संक्रमण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका समाजसेवी किशोर कोडवानी ने दायर की है। इसमें प्रदेश के मुख्य सचिव, इंदौर कलेक्टर और प्रदूषण बोर्ड को पार्टी बनाया गया है। याचिका में स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सामग्री सप्लाय और स्कूल फीस जैसे विषय को उठाया गया है। साथ ही 21 सदस्य समिति गठित कर सामूहिक बूथ लेवल व्यवस्था होम डिलिवरी बनाने की मांग की गई है। हाईकोर्ट में 13 अप्रैल को याचिका लगाने वाले कोडवानी ने तत्काल सुनवाई का आवेदन किया था। इसको लेकर पुन: 15 अप्रैल को मेंशन लगाया गया। हाईकोर्ट ने तत्काल सुनवाई का आवेदन और मेंशन को खारिज कर दिया है। कोरोना को लेकर लगी मूल याचिका पर अब लॉक डाउन समाप्त होने के बाद सुनवाई होगी।
तत्काल सुनवाई का आवेदन खारिज होने की पुष्टि करते हुए कोडवानी ने कहा कि कोरोना संक्रमित संख्या और संक्रमित से मरने वालों के प्रतिशत मामले में इंदौर, दुनिया के औसत से दोगुना और दिल्ली से चार गुना प्रभावित पाया गया है। इसलिए 2011 की जनसंख्या के दस लाख पर प्रभाव निकला है। दुनिया का औसत 10 लाख जनसंख्या पर 307 संक्रमित हैं तो इंदौर में 581 है। यह संख्या दिल्ली में 149 है। उन्होंने कहा कि संक्रमितों में मरने वाले लोगों का आंकड़ा दुनिया में 6.71 प्रतिशत तो दिल्ली में 2.26 प्रतिशत और इंदौर में 4.12 प्रतिशत पार कर गया है। प्रदेश में यह आंकड़ा 5.42 प्रतिशत देश का औसत 3.30 प्रतिशत है। चिकित्सा के मामले में इंदौर प्रदेश का मेडिकल हब होने के बावजूद यह हालत ठीक नहीं।