High Court : जुलाई 2020 के बाद नहीं हुआ काम एनएचएआइ ने बताया, टोल कंपनी ने मानसून 2020 के बाद से अब तक मैंटेनेंस नहीं किया है। स्थिति बेहद खराब होने पर अन्य ठेकेदार से मैनटेनेंस कराया गया, जिस पर 5.50 करोड़ एनएचएआइ ने किए हैं।
High Court : नगर निगम ने भी खराब की सड़क एनएचएआइ ने याचिका में नगर निगम इंदौर को भी पक्षकार बनाने की मांग की है। उसका कहना है बिना उनकी अनुमति के नगर निगम ने पानी और डे्रनेड की लाइन डालने के लिए यहां खुदाई की। बायपास के आसपास होटल, गार्डन सहित अन्य व्यावसायिक संस्थान बनाने की अनुमति पर भी सवाल उठाए गए हैं।
High Court : बंद हो टोल वसूली सुनवाई के दौरान बजाज ने कोर्ट से मांग कि है कि यदि टोल कंपनी बायपास पर अनिवार्य सुविधाएं नहीं दे रही है और एनएचएआइ को ठेके की राशि का भुगतान भी नहीं कर रही है तो इंदौर-देवास के बीच टोल वसूली पर रोक लगाई जानी चाहिए। एनएचएआइ ने भी अपने जवाब में कंपनी को टर्मिनेट करने से जुड़ा नोटिस जारी करने की बात कही है। युगल पीठ ने गायत्री टोल कंपनी को दोबारा नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। कंपनी ने 27 सितंबर 2021 को जारी पिछले नोटिस का भी अब तक जवाब पेश नहीं किया है।
10 बिंदुओं पर मांगी राहत याचिका के मुताबिक टोल कंपनी को बायपास पर स्ट्रीट लाइट, लैंडस्कैपिंग और पौधरोपण, ट्रक ले-बाय, ट्रैफिक ऐड पोस्ट, पैडेस्ट्रियन सुविधा, सुविधाघर, चिकित्सकीय एड पोस्ट और बस खड़े रहने का स्थान आदि सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है। आरोप है कि इंदौर-देवास बायपास पर इनमें से अधिकांश सुविधा नहीं हैं।