सुपर कॉरिडोर से वह एमआर-10 तरफ जाने के लिए बढ़ा, तभी कंटेनर ने टक्कर मार दी। ट्रक पलटने से हेल्पर जगजीत सिंह के पैर का पंजा उसमें फंस गया। डॉयल 100 के सिपाही सिंकदर ने वायरलैस पर जानकारी दी तो एएसआइ भंवर व फोर्स पहुंची। सब ने मिलकर हेल्पर को निकाला। उसका पंजा बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे 108 एम्बुलेंस से एमवाय अस्पताल भेजा, जहां पैर का ऑपरेशन हुआ। घटना के बाद ड्राइवर कंटेनर लेकर भाग गया। टक्कर के चलते कंटेनर का पेट्रोल टैंक फट गया। बाणगंगा रोड पर दीपमाला ढाबे तक पहुंचने पर उसका पेट्रोल खत्म होने पर ड्राइवर गाड़ी वहीं छोडक़र भाग गया।
सिग्नल अब नहीं हुए ठीक लवकुश चौराहा एक्सीडेंट जोन बन चुका है। कुछ दिन पहले कार व पिकअप की टक्कर में ट्रैफिक सिग्नल टूट गए थे, जो अब तक नहीं ठीक हो पाए। इस चौराहे पर सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, उज्जैन रोड व बाणगंगा रोड से वाहन आते हैं। चारों ही तरफ से दिनभर टै्रफिक का दबाव रहता है। चौराहे के पहले स्पीड ब्रेकर भी नहीं है। ऐसे में रात के समय तेज रफ्तार से गाडिय़ां आती है। चौराहे से लगी सर्विस रोड से भी ट्रैफिक सीधे यहां पहुंचता है। चौराहे के आसपास झाडिय़ों के कारण भी सामने से आने वाली गाडिय़ां नजर नहीं आतीं। लगातार यहां पर हादसे हो रहे है।