जल्द मिलेगी डिवाइस…
पटरी टूटने व ट्रैक के खराब होने पर ट्रेनें रोकने के लिए गैंगमैन को दौड़कर लाल झंडी दिखाने की नौबत नहीं आएगी। ये रेलकर्मी जीपीएस आधारित डिवाइस का उपयोग कर तत्काल ट्रेनें रुकवा सकेंगे। इसके लिए रेलकर्मियों को टूटी हुई पटरी व खराब ट्रैक के दिखते ही डिवाइस का बटन दबाना होगा। इसके बाद तुरंत रेलवे कंट्रोल व वरिष्ठ अधिकारियों को खराब ट्रैक व टूटी रेल पटरी की लोकेशन पता चल जाएगी और वे ट्रेनें रुकवा देंगे। कई बार ट्रेन जिस दिशा से आने वाली होती थी, उस दिशा में दौड़ भी लगा देते थे, क्योंकि तुरंत कंट्रोल व अधिकारियों को मैसेज कर ट्रेनें रुकवाना मुश्किल होता था। रात के समय में तो टॉर्च लेकर दौडऩा पड़ता था, तब जाकर ट्रेनें रोकते है।
पटरी टूटने व ट्रैक के खराब होने पर ट्रेनें रोकने के लिए गैंगमैन को दौड़कर लाल झंडी दिखाने की नौबत नहीं आएगी। ये रेलकर्मी जीपीएस आधारित डिवाइस का उपयोग कर तत्काल ट्रेनें रुकवा सकेंगे। इसके लिए रेलकर्मियों को टूटी हुई पटरी व खराब ट्रैक के दिखते ही डिवाइस का बटन दबाना होगा। इसके बाद तुरंत रेलवे कंट्रोल व वरिष्ठ अधिकारियों को खराब ट्रैक व टूटी रेल पटरी की लोकेशन पता चल जाएगी और वे ट्रेनें रुकवा देंगे। कई बार ट्रेन जिस दिशा से आने वाली होती थी, उस दिशा में दौड़ भी लगा देते थे, क्योंकि तुरंत कंट्रोल व अधिकारियों को मैसेज कर ट्रेनें रुकवाना मुश्किल होता था। रात के समय में तो टॉर्च लेकर दौडऩा पड़ता था, तब जाकर ट्रेनें रोकते है।