इस तरह का मामला विधायक प्रतिनिधि शिव पटेल ने संज्ञान में लाए हैं। अब नगर पालिका के अधिकारी जोन के दूसरी ओर के हिस्से में दुकानें पूर्ण करने की बात कह रहे हैं। सवाल यह है कि दुकानें जब 169 थीं तो 184 लोगों को आवंटन कैसे किया गया। स्ट्रीट वेंडर्स जोन निर्माण का काम पूरा होने के बाद आदर्श सडक़ एवं आसपास के फुटपाथ पर बैठे छोटे दुकानदारों को यहां पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे सडक़ अतिक्रमण मुक्त हो जाएगी। इस मार्केट का काम पिछली दीपावली यानि 5 महीने पहले पूर्ण करने का दावा किया गया था। 5 माह बीतने के बाद भी 100 करीब दुकानों पर ही चद्दर की छत दीवारें लग पाई हैं। अभी भी 50-60 दुकानों पर पतरे की दर्रोदीवार बनाना बाकी है। सबसे बड़ा काम शर्टर लगाने का है। ऐसी परिस्थिति में आने वाले दो-तीन महीनों में भी इसका काम पूर्ण होने की उम्मीद नहीं दिख रही हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ अधिकारी चाहते हैं कि 2023 के आगामी नगर पालिका चुनाव तक इस काम को धीमी गति से चलाते हुए अपूर्ण रखा जाए। दरअसल इस तरह की कवायद दुकान आवंटन पॉलिसी को प्रभावित करने के लिए की जा रही है।
अग्रिम लेकर शुरू किया था काम
नगर पालिका ने जब यह मार्केट का प्लान बनाया था। उस दौरान वित्तीय हालत ठीक थी। कोरोना काल में वित्तीय हालत बिगडऩे के बाद स्ट्रीट वेंडर्स जोन का काम प्रभावित हुआ है। इसको पूर्ण करने के लिए लॉटरी सिस्टम से दुकानें नंबरों के आधार पर 184 लोगों को स्वीकृत की गई। इनसे पहली किश्त के तौर पर 20-20 हजार यानि करीब 40 लाख रुपए लिए गए। इसके बाद कुछ काम कराया और दूसरी किश्त मांगी गई। इस दौरान 100 करीब लोगों ने दूसरी किश्त समय पर जमा करवाई। इसके बाद जमा करवाने गए लोगों से सीएमओ का आदेश नहीं हैं कहकर किश्तें नहीं ली जा रही हंै। दो मर्तबा में लोगों से करीब 50 लाख रुपए जुटाए गए। इसके बावजूद निर्माण कार्य आज भी अपूर्ण है।
नगर पालिका ने जब यह मार्केट का प्लान बनाया था। उस दौरान वित्तीय हालत ठीक थी। कोरोना काल में वित्तीय हालत बिगडऩे के बाद स्ट्रीट वेंडर्स जोन का काम प्रभावित हुआ है। इसको पूर्ण करने के लिए लॉटरी सिस्टम से दुकानें नंबरों के आधार पर 184 लोगों को स्वीकृत की गई। इनसे पहली किश्त के तौर पर 20-20 हजार यानि करीब 40 लाख रुपए लिए गए। इसके बाद कुछ काम कराया और दूसरी किश्त मांगी गई। इस दौरान 100 करीब लोगों ने दूसरी किश्त समय पर जमा करवाई। इसके बाद जमा करवाने गए लोगों से सीएमओ का आदेश नहीं हैं कहकर किश्तें नहीं ली जा रही हंै। दो मर्तबा में लोगों से करीब 50 लाख रुपए जुटाए गए। इसके बावजूद निर्माण कार्य आज भी अपूर्ण है।