मामले की सुनवाई इंदौर के जिला न्यायालय में चल रही है। आरोपियों की तरफ से उनके स्थानीय एडवोकेट पैरवी कर रहे हैं। आरोपियों ने प्रकरण में जब्त पैन ड्राइव और अन्य दस्तावेज उन्हें उपलब्ध करवाने की मांग करते हुए आवेदन दिया था लेकिन न्यायालय ने इससे साफ इंकार कर दिया। शुक्रवार को मामले की आरोपी आरती दयाल न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुई जबकि अन्य आरोपी नहीं आए. उनकी तरफ से हाजिरी माफी आवेदन प्रस्तुत किया गया था।
मैं तो किसी बड़े आदमी को जानती तक नहीं -आरती दयाल ने यहां मीडिया के समक्ष खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि उसे फंसाया गया है। उसने यह कहकर सनसनी फैला दी कि समय आने पर मैं कई चेहरे बेनकाब करूंगी। उसने यह भी कहा कि मैं तो किसी बड़े आदमी को जानती तक नहीं थी। उसे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। वह सरकारी गवाह नहीं बनना चाहती।
यह है मामला
इंदौर नगर निगम के सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने 17 सितंबर 2019 को पुलिस थाना पलासिया में शिकायत की कि कुछ महिलाओं ने उनका अश्लील वीडियो बना लिया है. इस वीडियो के नाम पर उन्हें ब्लैकमेल भी किया जा रहा है। इंजीनियर हरभजन सिंह के मुताबिक ये महिलाएं तीन करोड़ रुपए मांग रही थीं। पुलिस ने उसकी शिकायत के आधार पर प्रकरण दर्ज कर ब्लैकमेलिंग करने वाली 5 महिलाओं और 2 पुरुषों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में बवाल मचने पर यह प्रकरण एसआइटी को सौंप दिया गया।