दूसरी तरफ आरोपी श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, आरती दयाल, मोनिया यादव, बरखा सोनी और ड्राइवर ओमप्रकाश की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल से पेशी कराई गई। 25 जनवरी को हुई सुनवाई में एसआइटी व पुलिस ने कोर्ट में आरोपियों से जब्त लाखों रुपए की नकदी, सोने-चांदी के जेवरात और अहम दस्तावेज पेश किए थे। एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया आरोपियों से पुलिस ने कई मोबाइल, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, हार्डडिस्क और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामग्री भी जब्त की थी।
ये है शुरूआती मामला
नगर निगम के निलंबित इंजीनियर हरभजनसिंह ने पलासिया थाने में 17 सितंबर 2019 को रिपोर्ट लिखवाई थी कि दो महिलाएं उन्हें ब्लैकमेल कर रही हैं। ये महिलाएं अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर 3 करोड़ रुपए मांग रही हैं। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरती सिंह, मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर और ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया था।
चर्चित हनीट्रैप मामले मध्यप्रदेश कई बड़े नेता और अफसर के नाम भी सामने आए। जांच टीम ने पूछताछ के बदा सभी को जेल भेज दिया था। इसके बाद आरोपितों के खिलाफ 16 दिसंबर 2019 को चालान भी पेश हो चुका है। आरोपित श्वेता विजय जैन की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया कि केस कमिट हो गया। अब 3 मार्च से इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के समक्ष होगी। अभी उनका नाम पता नहीं चला है, लेकिन यह तय हो गया है कि 3 मार्च 2020 को सुनवाई जेएमएफसी कोर्ट में नहीं बल्कि सेशन कोर्ट में होगी।