एटीएस सूत्रों के मुताबिक मिलेट्री इंटेलीजेंस की सूचना पर क्लर्क को गिरफ्तार कर आइपीसी की धारा 123 के तहत केस दर्ज किया। क्लर्क मूल रूप से बिहार का निवासी है और दो साल से पाकिस्तानी युवती के चक्कर में फंसकर गोपनीय जानकारी भेज रहा था। बदले में उसके बैंक खाते में काफी पैसा जमा होने की बात भी सामने आई है। एटीएस अफसरों ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया, आरोपी एक साल से महू में पदस्थ है और करीब दो साल पहले फेसबुक के जरिए उसकी पाकिस्तानी युवती से पहचान हुई और वे चेटिंग करने लगे। युवती ने खुद को अंतरराष्ट्रीय पत्रकार बताते हुए पहचान की और फिर बातों मे उलझा लिया। बाद में युवती ने लालच देकर क्लर्क से सेना से जुड़ी जानकारियां मांगना शुरू कर दी। वह सोशल मीडिया के जरिए युवती को जानकारियां भेज रहा था। क्लर्क ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह युवती को सामरिक महत्व की सूचनाएं दे चुका है।
लोकेशन व प्रशिक्षण की जानकारी साझा की पूछताछ में पता चला कि आरोपी सेना की लोकेशन व गतिविधियों के साथ ही उनके प्रशिक्षण की जानकारी भी पाकिस्तानी युवती को दे चुका है। इसके बदले में बैंक खाते में अलग-अलग चैनलों के माध्यम से क्लर्क के खाते में लाखों रुपया भेजा गया। इंटेलीजेंस विंग से पुख्ता जानकारी मिलने के बाद एटीएस से कार्रवाई कराई गई।