scriptHONEYTRAP में उलझे इंदौर नगर निगम के सिटी इंजीनियर ने 21 साल की नौकरी में कभी नहीं देखी लूप लाइन | HONEYTRAP :City engineer of Indore never seen loop line in 21-year job | Patrika News

HONEYTRAP में उलझे इंदौर नगर निगम के सिटी इंजीनियर ने 21 साल की नौकरी में कभी नहीं देखी लूप लाइन

locationइंदौरPublished: Sep 21, 2019 04:32:18 pm

नगर निगम के सिटी इंजीनियर वर्तमान में अमृत प्रोजेक्ट का देख रहे हैं काम
इनके खिलाफ लोकायुक्त में की गई शिकायतों की भी जांच चल रही है

HONEYTRAP में उलझे इंदौर नगर निगम के सिटी इंजीनियर ने 21 साल की नौकरी में कभी नहीं देखी लूप लाइन

HONEYTRAP में उलझे इंदौर नगर निगम के सिटी इंजीनियर ने 21 साल की नौकरी में कभी नहीं देखी लूप लाइन

इंदौर. हनीट्रैप में उलझे नगर निगम के इंजीनियर हरभजनसिंह को लेकर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं। २१ साल की नौकरी में सिंह ने न के बराबर लूप लाइन देखी। चौंकाने वाली बात ये है कि दो दशक में इंदौर शहर में जितने भी बड़े प्रोजेक्ट तैयार हुए हैं, अधिकतर में वे महत्वपूर्ण भूमिका में रहे हैं।
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वीडियो बनाकरब्लैकमेल करने वाली सुंदरियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके इंजीनियर हरभजन सिंह अचानक एक बार फिर चर्चा में आ गए। लड़कियों की गिरफ्तारी के बाद से प्रदेश की सियासत में बवाल मचा हुआ है। अब सिंह के चरित्र के साथ में कमाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं तो उन्हें निगम से हटाए जाने की भी मांग उठने लग गई है। 1998 में सिंह रीवा इंदौर निगम में आए थे। उन्हें बिल्ंिडग परमिशन विभाग में नक्शे पास करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। जिस पर वे 13 वर्ष तक पदस्थ रहे। विभाग के बड़े घपलों में भी उनका नाम उछला।
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इंदौर में 21 वर्षों की नौकरी में वे केवल दो ही बार लूप लाइन में गए वह भी थोड़े समय के लिए। 2004 में उन्हें बिल्ंिडग परमिशन से हटाकर जोनल अफसर बनाया गया था, लेकिन अफसरों से तगड़ी सेटिंग के चलते वापस लौट आए। 2015 में तत्कालीन आयुक्त मनीष सिंह उनकी कार्यशैली से नाराज थे। उन्होंने सभी विभाग के साथ कार और वॉकी-टॉकी सेट तक ले लिया था। वर्तमान निगम आयुक्त आशीष सिंह आ गए तब से उनकी वापसी हो गई। सिंह ने उन्हें महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अमृत की जिम्मेदारी सौंपी। 650 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में सीवर और पानी की पाइप लाइन डालने का काम हो रहा है।
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महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का है काम

लोकायुक्त में इनके खिलाफ की गई शिकायतों की भी जांच चल रही है। अभी अमृत प्रजेक्ट संभाल रहे हरभजन सिंह इससे पहले जेएनएनयूआरएम प्रोजेक्ट के तहत सीवर, राजीव आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना भी संभाल चुके है। हजारों करोड़ रुपए के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की डीपीपीआर बनाने वाले अफसरों में रहे हैं।
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निगम हुई बदनाम

कांग्रेस की नेता प्रतिपक्ष फोजिया अलीम ने भी सिंह को हटाने की मांग की है। कहना है कि ऐसे अफसरों की वजह से निगम बदनाम हुई है इसलिए इन्हें तत्काल हटा देना चाहिए। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आयुक्त को पत्र भी लिख रही है।
हनीट्रैप में फरियादी निगम के अधीक्षण यंत्री हरभजन सिंह को हटाने का आवेदन मिला है, जिसकी जांच की जाएगी। बाद में शासन स्तर पर कार्रवाई होगी।

– एस. कृष्ण चैतन्य, प्रभारी आयुक्त, नगर निगम
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