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एक दो नहीं कई विभागों के अफसर हुए है हनी ट्रेप…..

locationइंदौरPublished: Oct 13, 2019 10:59:54 am

नियमों के विपरित जाकर दिए लाखों के काम, मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तारी ले सकती है पुलिस

एक दो नहीं कई विभागों के अफसरों हुए है हनी ट्रेप.....

एक दो नहीं कई विभागों के अफसरों हुए है हनी ट्रेप…..


IndoreNews. हनी ट्रेप की आरोपी युवतियों ने अपने जाल में एक दो नहीं बल्कि कई विभागों के अफसर व उनसे मंत्रियों को फंसाया है। अपने संबंधों के जरिए इन विभागों से कई जिलों में लगातार लाखों के काम हासिल किए और भुगतान भी हो गए। कई विभागों के नाम सामने आने से पुलिस ने एक तरह से हाथ खड़े कर दिए है। हालांंकि अफसरों का दावा है कि विभागों की फाइलें खंगाली जा रही है, चार्ज शीट में जिन लोगों ने नियमों के विपरित जाकर काम दिए उनके नाम शामिल रहेंगे।
17 सितंबर से शुरू हुए हनी ट्रेप के सिलसिले को बड़ी ही योजनाबद्ध तरीके से अफसरों ने बंद किया है। शासन द्वारा बनाई गई एसआईटी के चीफ स्पेशल डीजी राजेंद्रकुमार ने चुप्पी साध ली है और दो अन्य सदस्य मिलिंद कानस्कर व एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र मामले में कुछ कहने को तैयार नहीं है। उनकी टीमेें भी फिलहाल किसी तरह की इनवेस्टीगेशन का हिस्सा नजर नहीं आ रही। सिर्फ क्राइम ब्रांच के जरिए कॉल डिटेल निकालकर एक-एक संपर्क की जांच की जा रही है।
पुलिस मामले में चुप है लेकिन बताया जा रहा है कि युवतियों ने सरकारी सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है। राजनेताओं, वर््िष्ठ आईएएस-आईपीएस से संबंधों के दाव किए जा रहे थे लेकिन बयानों में साप हो गया है कि युवतियों ने एक, दो नहीं कई विभागों में जमकर घुसपैठ कर ली थी। महिलाओं को ट्रेनिंग देने, समाज के उत्थान के काम करने के लिए जिस विभाग में योजना बनती उसका काम हासिल करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए जाते। जिम्मेेदार अधिकारी को हनी ट्रेप कर काम हासिल कर लिया जाता और कई बार बिना काम किए है लाखों के बिल का भुगतान भी हासिल कर लिया जाता। कई जिलों के इस तरह हुए कामों के उदाहरण भी बयानों में आए है। युवतियों के बयान के बाद जांच कर रहे अफसरों के हाथ पैर फूल गए और पूरा मामला ऊपर तक पहुंचाने के बाद सभी ने चुप्पी साध ली। एसएसपी कुछ बता नहीं रही है। हालांकि इतना दावा जरुर है कि जो भी बयान आए है उनसे जुड़े मामलों की फाइलें खंगाली जा रही है। आरोपियों की काफी प्रापर्टी की डिटेल मिली है जिसकी जांच चल रही है। सभी आरोपियों को 14 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। पुलिस अब भोपाल में मोनिका को लेकर मानव तस्करी का जो केस दर्ज हुआ था उसमें गिरफ्तारी लेकर फिर से आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी जरुर की जा रही है।
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