इंदौर

ये कैसी सेवा, रेलवे रिजर्वेशन टिकट लेने के लिए सवा घंटे इंतजार

रेलवे खुद दूर कर रहा अपने यात्री, रिजर्वेशन कार्यालय में गड़बड़झाला, इंतजार के बाद मिल रहा टिकट

इंदौरOct 03, 2017 / 06:37 pm

अर्जुन रिछारिया

संजय रजक. इंदौर
रेलवे स्टेशन के बाहर रिजर्वेशन कार्यालय से टिकट लेने के लिए लोगों को सवा घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि यहां 6 काउंटर बनाए गए हैं। इस हिसाब से 10 से 12 मिनट में टिकट मिल जाना चाहिए। सच्चाई ये है कि यहां सिर्फ तीन काउंटर ही चल रहे हैं, जिससे टिकट लेने में ज्यादा समय लग रहा है। परेशान यात्री अब ऑनलाइन टिकट का रुख करने लगे हैं। न्यू•ा टुडे रिपोर्टर ने इस मामले की पड़ताल की तो कई अव्यवस्थाएं सामने आईं।

रिपोर्टर ने दोपहर 12 बजे रिजर्वेशन कार्यालय से टिकट लेने के लिए टोकन लिया। टोकन नंबर 338, 12.03 बजे जारी हुआ। इस समय डिस्प्ले बोर्ड पर काउंटर नंबर 4, 5, 8, 9, 10 और 11 संचालित होना बताया गया। यानी इन काउंटर से टिकट दिए जा रहे थे। काउंटर नंबर चार और पांच पर टोकन नंबर डिस्प्ले नहीं हो रहा था। 12.20 से 12.40 बजे तक लंच के बाद जब काउंटर खुले तो 9, 10 और 11 नंबर काउंटर ही खुले रहे।
1.24 बजे आया नंबर
12 बजे के आसपास यहां करीब 80 लोग थे। इतने कम लोग होने के बावजूद काउंटर पर मौजूद कर्मचारी कई मिनट गुजरने के बाद भी टोकन नंबर आगे नहीं बढ़ा रहे थे। इसके कारण घंटों इंतजार करने के बाद टिकट मिल रहे थे। हमारा टिकट भी 1.23 बजे हाथ में आया।
गफलत में यात्री
रिजर्वेशन कार्यालय में तीन काउंटर ही संचालित किए जा रहे हैं, जबकि यहां डिस्प्ले पर 6 काउंटर बताए जा रहे हंै। टिकट लेने वाले इसी गफलत में रहते हंै कि 6 काउंटर होने से कम समय में टिकट मिल जाएगा, लेकिन असल में तीन काउंटर पर ही काम होता है।
सलाहकार समिति सदस्य संजय बाकलीवाल ने बताया कि 40 हजार से ज्यादा लोग हर दिन इंदौर रेलवे स्टेशन से सफर करते हैं। रिजर्वेशन कार्यालय पर एक टिकट के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। मामले में आज ही डीआरएम को लिखित शिकायत करेंगे, ताकि जनता को बेहतर सेवा मिल सके और रेलवे की छवि खराब न हो।

कम समय में मिलना चाहिए टिकट
रिजर्वेशन कार्यालय में टोकन नंबर आने पर ही काउंटर से टिकट दिया जाता है। जितने काउंटर संचालित हो रहे हंै, उतने ही डिस्प्ले किए जाने चाहिए। इस मामले में आज ही वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी जा रही है। हमारी प्राथमिकता यात्रियों को बेहतर सेवा देना है। कोशिश होना चाहिए कि कम समय में लोगों को टिकट मिल जाए।

जितेंद्र कुमार जयंत, पीआरओ, रतलाम मंडल
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