नारेबाजी और धरना के बाद ज्ञापन दिया गया, जिसमें इस कानून को सवर्णों के अधिकारों के खिलाफ बताते हुए वापस लेने की मांग दोहराई। सवर्ण सेना के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही ताई के साकेत स्थित घर पर भारी पुलिस बल लगा दिया गया। सुबह साढ़े नौ बजे से सवर्ण सेना के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने ताई के घर प्रदर्शन किया और घंटे-घडिय़ाल बजाकर विरोध प्रकट किया। सवर्ण सेना के कार्यकर्ताओं को ताई के घर तक पहुंचने के पहले ही बैरियर लगाकर रोक दिया गया। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई और दोनों तरफ से धक्का-मुक्की भी हुई पर कार्यकर्ता अंदर पहुंचने में सफल हो गए। ये लोग ताई के घर के बाहर बैठ गए और भजन गाने लगे। कार्यकर्ता अपने हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए थे और जमकर नारेबाजी कर रहे थे। इस प्रदर्शन में ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य सहित अनारक्षित वर्ग के सभी लोग शामिल थे।
घर पर नहीं थीं सुमित्रा महाजन
हालांकि आरक्षण विरोध आंदोलन और एस्ट्रोसिटी के खिलाफ किया गया यह प्रदर्शन उतना कारगर नहीं रहा क्योंकि ताई यहां हैं ही नहीं। वे दिल्ली में हैं इसलिए सवर्ण सेना उनके घर के बाहर प्रदर्शन और भजन करके लौट गई। हालांकि इस मुद्दे पर बहस भी हुई कि सब कुछ जानने के बाद ताई दिल्ली चली गईं। वे सवर्णों से मिलना नहीं चाहती थीं। प्रतीकात्मक रूप से ज्ञापन उनके स्टाफ को सौंपा गया।
हालांकि आरक्षण विरोध आंदोलन और एस्ट्रोसिटी के खिलाफ किया गया यह प्रदर्शन उतना कारगर नहीं रहा क्योंकि ताई यहां हैं ही नहीं। वे दिल्ली में हैं इसलिए सवर्ण सेना उनके घर के बाहर प्रदर्शन और भजन करके लौट गई। हालांकि इस मुद्दे पर बहस भी हुई कि सब कुछ जानने के बाद ताई दिल्ली चली गईं। वे सवर्णों से मिलना नहीं चाहती थीं। प्रतीकात्मक रूप से ज्ञापन उनके स्टाफ को सौंपा गया।