करीब तीन महीने पहले टैगोर कॉलेज के छात्र ने आत्महत्या की कोशिश की। छात्र का आरोप था कि कॉलेज उसे प्रताडि़त कर रहा है और यूजीसी की ऑटोनॉमी भी नहीं है। इस मामले में शासन की जांच कमेटी ने रिपोर्ट भी तैयार कर ली। अन्य विद्यार्थी भी कॉलेज ट्रांसफर कर डायरेक्टर संजय पारीख के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है। बीते दिनों विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी में भूख हड़ताल पर भी बैठना पड़ा इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने 23 जनवरी को नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब पेश करने को कहा था। 7 फरवरी तक जवाब नहीं मिलने के बाद विद्यार्थी लगातार यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रहे है। सूत्रों के अनुसार डीएवीवी के ही एक बड़े अधिकारी छात्रों पर समझौता बनाने के लिए दबाव बना रहे है। उनके कहने पर ही डायरेक्टर संजय पारीख ने कुलपति प्रो.रेणु जैन से मुलाकात की। डायरेक्टर ने 23 जनवरी को नोटिस मिलने की बात से ही इंकार कर दिया। डायरेक्टर ने कहा कि कॉलेज में तीन दिन पहले नोटिस पहुंचा है। संस्थान में कोई अनियमितता नहीं है मगर जवाब तैयार करने के लिए समय चाहिए। हालांकि, कॉलेज की ऑटोनोमी को लेकर यूनिवर्सिटी ने अब तक कोई सवाल नहीं किया।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) ने टैगोर कॉलेज को दो साल पहले इस शर्त पर ऑटोनोमी दी थी कि कॉलेज सालभर में नैक से ए ग्रेड हासिल करेगा। ए ग्रेड नहीं मिलने पर कॉलेज की ऑटोनोमी स्वत: समाप्त हो गई है।
एकतरफा नहीं कर सकते कार्रवाई इस मामले में कुलपति का कहना है कि कार्रवाई के लिए कॉलेज का पक्ष जानना जरूरी है इसलिए अभी किसी का भी एडमिशन ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। छात्रों का कहना था कि अभी कॉलेज से परीक्षा फॉर्म जमा कर दिया तो तीसरे सेमेस्टर के बाद तो ट्रांसफर हो ही नहीं सकता। कुलपति ने उन्हें सोमवार को डीन की बैठक तक इंतजार करने की बात कहकर लौटाया।
———— टैगोर कॉलेज की शिकायत के मामले में कार्रवाई चल रही है। विद्यार्थी ट्रांसफर चाहते है जिसके लिए शासन की मंजूरी जरूरी है। कॉलेज के पास अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर है। डीन की कमेटी में फैसला लेंगे कि विद्यार्थियों के हित में क्या किया जा सकता है। – प्रो.रेणु जैन, कुलपति