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शिव को न चढ़ाएं केतकी के फूल, जानिए ऐसे ही घरेलू पूजा के विशेष नियम

locationइंदौरPublished: Dec 12, 2016 06:58:00 pm

Submitted by:

Narendra Hazare

नवरात्रि के विशेष त्यौहार में हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही कुछ छोटे-छोटे नियम जिन्हें अपना कर आप इष्ट देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

worship at home

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इंदौर। हमारा देश धर्म का देश है, यहां घर में रोज ही पूजा-पाठ होता है। लेकिन, पूजन में बहुत छोटी-छोटी बातों का ध्यान नहीं रख पाने की वजह से पूजन का महत्व खत्म हो जाता है। नवरात्रि के विशेष त्यौहार में हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही कुछ छोटे-छोटे नियम जिन्हें अपना कर आप इष्ट देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

हिंदू धर्म में शास्त्रों का बहुत महत्व माना गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति सुखी जीवन की कामना करता है उसे रोजाना पंचदेव की आराधना करना चाहिए। पंचदेव की आराधना यानि सूर्यदेव, श्रीगणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु। इनकी आराधना मात्र करने से सभी देवि देवताओं की आराधना का फल प्राप्त होता है। किसी भी शुभकार्य करने के पहले इनकी पूजन अवश्य ही की जाती है। आइए हम रोजाना की पूजन के कुछ नियमों को जानें:-

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1. घर में पूजन के समय यह ध्यान रखें कि भगवान शिव की पूजा में कभी केतकी के फूलों का उपयोग नहीं किया जाता है। वहीं सूर्यदेव की पूजा में अगस्त्य के फूल वर्जित हैं। प्रथम पूज्य श्रीगणेश की पूजन में तुलसी के पत्तों को निषेध बताया जाता है। 

2. भगवान की पूजा के लिए तोड़े गए फूलों के लिए भी एक विशेष नियम हैं। इन्हें हमेशा स्नान के बाद तोड़ना चाहिए। नहीं तो भगवान आपकी पूजन स्वीकार नहीं करते हैं। 

3. पूजन में एक और सबसे महत्वपूर्ण सामग्री होती है कलश। कलश को भगवान गणेश का स्वरूप भी माना जाता है। पूजन में शुद्ध घी का दीपक अपनी बांई ओर और तेल का दीपक दाईं ओर होना चाहिए। भगवान को चंदन, कुमकुम, गुलाल, हल्दी इत्यादि सामग्री अनामिका (छोटी अंगुली के पास) अंगुली से लगाना चाहिए।

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4. याद रहे जो दीपक आप पूजन के लिए जला रहे हैं, उसे कभी खुद नहीं बुझाना चाहिए। पूजन में भगवान को अर्पण करने के लिए भोग, धूप, दीप अवश्य होना चाहिए।

5. पूजन में कभी भी बासी फूल, जल और पत्ते उपयोग नहीं करना चाहिए। गंगाजल, तुलसी के पत्ते, बिल्वपत्र और कमल के फूल ये किसी भी हालत में बासी नहीं माने जाते। इसलिए इनका उपयोग पूजन में कभी भी किया जा सकता है। माली के घर रखे फूल भी बासी नहीं माने जाते हैं।

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6. भगवान सूर्य की सात, श्रीगणेश और भगवान शिव की तीन और भगवान विष्णु की चार परिक्रमा करना चाहिए। ऐसा लिंगार्चन चंद्रिका में लिखा है।

7. पूजन में हमेशा चमड़े की बनी हुई चीजों को पूरी तरह से वर्जित रखना चाहिए। जैसे कि पर्स, बेल्ट आदि। पूजन स्थल के आसपास कबाड़ न रखें।

8. भगवान विष्णु की पूजा में पीले रंग के वस्त्रों को अर्पित करना चाहिए। मां दुर्गा, सूर्यदेव और भगवान गणेश को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करना चाहिए। शिवजी के लिए सफेद वस्त्र अर्पित करने का शास्त्रों में विधान है।
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