यह है पूरा मामला गुरुवार को इंदौर से मां कामाख्या देवी के लिए रवाना हुई गुवाहाटी एक्सप्रेस में यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। इंदौर स्टेशन पर ही कोच एस 4 में पानी आना नहीं आ रहा था। यात्रियों ने इसकी शिकायत उज्जैन स्टेशन पर की, लेकिन यहां सुनवाई नहीं हुई। यात्रियों ने रतलाम मंडल डीआरएम को भी ट्विट किया, लेकिन परेशान दूर नहीं हुई। शुक्रवार सुबह जब ट्रेन लखनऊ स्टेशन पहुंची तो यात्रियों ने रेल अफसरों से कोच की सफाई और पानी के इंतजाम करने के लिए कहा, लेकिन अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। यात्रियों ने यहां 5 बार चेन पुलिंग की और डेढ़ घंटे तक ट्रेन को रोके रखा। इसके बाद रेल अफसर ने कोच को साफ कराया, लेकिन पानी की समस्या वैसी की वैसी ही रही।
लाइन हो गई चोक ट्रेन में सफर कर रहे यात्री चंद्र कुमार टोंग्या ने बताया कि कोच के टैंक में पानी है, लेकिन नलों में नहीं आ रहा है। लखनऊ में बताया था कि वॉटर लाइन चोक होने से नलों में पानी नहीं आ रहा है। बॉयो टॉयलेट भी कचरा होने से चोक हो गए हैं। कोच के ८० से अधिक यात्री परेशान हो रहे हैं। वे दूसरे कोच के टॉयलेट इस्तेमाल कर रहे हैं। ट्रेन में सफर करते हुए ५० घंटे से अधिक हो गए हैं। एस ४ कोच में बदबू आने लगी है।
लंबी दूरी की गाड़ी में लगते हैं छह घंटे जानकारी के अनुसार लंबी दूरी की ट्रेनों के मेंटेनेंस में करीब 6 घंटे का समय लगता है। जिसमें मेकेनिकल विभाग ट्रेन के कलपुर्जे चेक करते और यात्री सुविधा को लेकर सभी कोच की जांच करते हैं। इसके बाद सफाई कर्मचारी ट्रेन की सफाई करते हैं। ट्रेन रवाना होने से पहले बायोटॉयलेट को भी क्लीन किया जाता है ताकि सफर में दिक्कत न हो, लेकिन इंदौर-कामाख्या एक्सप्रेस में मेंटेनेंस की खानापूर्ति कर दी गई।