यह कहा है बजट में
प्रदेश के आवास एवं विकास विभाग के मंत्री जयवर्धन सिंह ने पिछले महीने भोपाल में आठ प्राधिकरणों के सीईओ के साथ हुई बैठक में भू-अर्जन नियमों में संशोधन करने को कहा और इसके लिए चार सदस्यीय समिति बना दी, जिसमें इंदौर सीईओ भी हैं। उन्होंने भू-अर्जन नियम की विसंगतियों को दूर करने के निर्देश दिए। निर्देशों से साफ हो गया था कि सरकार योजनाएं नहीं छोडऩा चाहती, बल्कि भू-अर्जन नियमों में संशोधन के जरिए ऐसा रास्ता निकालना चाहती है, जिससे जमीनें मिलने में ज्यादा दिक्कतें नहीं आएं।
मंत्री के बयान का काफी हल्ला मचा। किसानों में आक्रोश की लहर भी फैली। इसके बाद आईडीए की तरफ से स्पष्टीकरण दिया गया। इसमें सीईओ की तरफ से कहा गया कि-
एक मंत्री ने ही किया था प्रदर्शन
प्रदेश सरकार में मौजूदा उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने योजना 165 सहित अन्य लंबित योजनाओं को खत्म करने के लिए आईडीए पर बड़ा प्रदर्शन किया था। इसमें राऊ के सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद आईडीए ने 11 योजनाओं की रिपोर्ट शासन को भेज दी थी, जिसमें इन्हें खत्म करने की अनुशंसा थी। शासन ने मामला लटका दिया। पर किसान खुश थे कि अब कांग्रेस सरकार आई है। जिन्होंने प्रदर्शन किया था वे योजनाओं को प्राथमिकता से खत्म करेंगे, लेकिन अब हताश हैं।