देखा जाए तो इंदौर का चंहुमुखी विकास हो रहा है। आने वाले सालों में जबर्दस्त कनेक्टिविटी होगी। एक तरफ से इंदौर-खंडवा रोड का काम तेजी से चल रहा है तो अब दूसरे राष्ट्रीय राजमार्ग 59-एक यानी इंदौर हरदा का आगाज हो गया है। इसको लेकर जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण करके राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दे रहा है। 232 करोड़ रुपए का कुल इंदौर जिले में मुआवजा बांटा जाना है। जिसमें से 93 करोड़ रुपए दे दिया गया। इसके साथ राजमार्ग बनाए जाने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।
इसका सबसे ज्यादा फायदा किसी को हुआ तो वह है इंदौर विकास प्राधिकरण। प्राधिकरण की योजना टीपीएस 1 और 4 से ये राजमार्ग होकर गुजर रहा है। हाईवे में आने वाली खजराना व कनाडिय़ा की कुछ जमीनें प्राधिकरण की योजना में भी आ रही थीं। पूर्व में कुछ जमीनें सड़क व ब्रिज के लिए छोड़ी जाने की योजना भी थी, लेकिन अब उस पर राजमार्ग बन रहा है। बड़ी बात ये है कि राजमार्ग बनाए जाने के लिए जमीन लेकर किसानों को मुआवजा भी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दे रहा है। ये काम सोने पर सुहागा जैसा हो गया।
आईडीए के सड़क बनाने का खर्च तो बचा ही जमीन लेने के बदले में उसे किसानों को उतने प्लॉट भी देना पड़ते। उससे भी बचत हो गई। ये फायदे तो हुए ही साथ में अब राष्ट्रीय राजमार्ग निकलने से जमीन की कीमतों पर भी सीधा असर आएगा। विकास करने के बाद बेचे जाने पर प्लॉटों की कीमत उसे अच्छी मिलेगी, क्योंकि तब तक राजमार्ग भी अस्तित्व में आ जाएगा। इधर योजना को जल्द ही अमल में लाने के लिए प्राधिकरण अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने अफसरों को निर्देश भी दे रखे हैं।
आईडीए ने किया आगाह
राष्ट्रीय राजमार्ग 59 ए (इंदौर-हरदा खंड) के सबंध में भूअर्जन अवॉर्ड पारित होने के बाद आईडीए ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को एक पत्र लिखा था। कहना था कि खजराना व कनाडिय़ा की पार्ट भूमियों पर आईडीए की नगर विकास योजनाएं टीपीएस 1 व टीपीएस 4 प्रचलित हंै। नगर विकास योजना टीपीएस 4 के मध्य से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 59-ए नियोजित है। मध्यप्रदेश नगर व ग्राम निवेश संशोधन अधिनियम 2019 के प्रावधानों के तहत आईडीए को भूधारकों को जिनकी भूमियां इस राष्ट्रीय राजमार्ग से प्रभावित हो रही हैं उन्हें 50 प्रतिशत के अनुसार विकसित भूखंड प्रदान किए जाना हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग 59 ए (इंदौर-हरदा खंड) के सबंध में भूअर्जन अवॉर्ड पारित होने के बाद आईडीए ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को एक पत्र लिखा था। कहना था कि खजराना व कनाडिय़ा की पार्ट भूमियों पर आईडीए की नगर विकास योजनाएं टीपीएस 1 व टीपीएस 4 प्रचलित हंै। नगर विकास योजना टीपीएस 4 के मध्य से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 59-ए नियोजित है। मध्यप्रदेश नगर व ग्राम निवेश संशोधन अधिनियम 2019 के प्रावधानों के तहत आईडीए को भूधारकों को जिनकी भूमियां इस राष्ट्रीय राजमार्ग से प्रभावित हो रही हैं उन्हें 50 प्रतिशत के अनुसार विकसित भूखंड प्रदान किए जाना हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए पारित भू अर्जन अवॉर्ड के तहत समाविष्ट भूधारकों नवीन भूअर्जन अधिनियम 2013 के प्रावधानों के तहत नकद मुआवजा राशि का भुगतान करना है। ऐसी स्थिति में भूधारकगणों को मुआवजे का दो बार वितरण न हो इसके लिए प्राधिकारी स्तर से अर्जित भूमियों को योजना में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नाम पर चिन्हित व दर्ज किए जाना आवश्यकता होगा। भू अर्जन अनुभाग खुड़ैल द्वारा परित अवॉर्ड एवं अर्जित भूमि के नक्शे की सुसंगत प्रति हमको भी दी जाए ताकि बारिकी से जांच की जा सके।