निगमायुक्त पाल का फायर ऑफिसर मिश्रा से कहना था कि सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने और कचरा प्रबंधन को लेकर तुम्हें एक जोन ७ नंबर की जो जिम्मेदारी दी गई है, वह तुमसे निभाई नहीं जा रही है। नियंत्रणकर्ता अधिकारी के नाते एक जोन नहीं संभाल पा रहे हो तो फिर निगम को तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है। फायर ऑफिसर बनकर बैठे हो, आपसे कोई पब्लिक आकर मिलती नहीं है तो काम क्या करते हो। आराम करने के लिए अपना तबादला कराकर निगम में आए हो। अगर ऐसा है तो तुम्हारी निगम को कोई जरूरत नहीं है। मैं राज्य शासन को चिट्ठी लिखकर तुम्हें वापस मूल विभाग में भेज दूंगी।
निगमायुक्त पाल ने जोन-7 के अन्य अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए। भरी बैठक में निगमायुक्त पाल का यह रूप देख अन्य अफसर भी सतर्क हो गए। बैठक में उन्होंने स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के तहत मुख्य सर्वेक्षण, 7 स्टार रेटिंग, ओडीएफ डबल प्लस, वॉटर प्लस के संबंध में गाइड लाइन अनुसार हुए कार्यों की समीक्षा की। इसके साथ ही अगले सप्ताह से शुरू होने वाले सर्वेक्षण के लिए तैयार रहने के निर्देश अफसरों को दिए।