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शहर में ट्यूबवेल की चल रही बंदरबांट, अफसर दिए जा रहे अनुमति

locationइंदौरPublished: Jul 22, 2019 01:46:03 pm

1570 से ज्यादा आवेदन आए प्रशासन के पास, केंद्रीय भूजल बोर्ड के आदेश पर गठित समिति को किया नजरअंदाज

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शहर में ट्यूबवेल की चल रही बंदरबांट, अफसर दिए जा रहे अनुमति

इंदौर. शहर में ट्यूबवेल की अनुमति के लिए चल रही बंदरबांट को देखने वाला कोई नहीं है। कलेक्टर ने व्यवस्था बनाने के लिए एसडीएम को नोडल अधिकारी बनाने के आदेश दिए। अफसरों द्वारा खुद को कमेटी का सदस्य मानकर अनुमतियां जारी की जा रही हैं।

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970 से ज्यादा आवेदन प्रशासन के पास लंबित हैं। एसडीएम क्षेत्रों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक 350 से ज्यादा अनुमति जारी की गईं, बावजूद इसके शहर में मशीनों से अलग-अलग क्षेत्रों में रोज 10-15 ट्यूबवेल की खुदाई केंद्रीय भूजल बोर्ड की चेतावनी और नियमों को ताक में रखकर धड़ल्ले से चल रही है। सवाल उठ रहा है, प्रतिबंधित क्षेत्र के लिए गठित समिति की अनुशंसा के बिना अनुमतियां कैसे जारी हो रही हैं?

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केंद्रीय भूजल बोर्ड ने शहर को भूजल दोहन के हिसाब से अतिदोहन क्षेत्र में रखा है। नीति आयोग द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर में 100 प्रतिशत जल के अनुपात में 117 प्रतिशत भूजल का दोहन किया जा रहा है। हालांकि पूर्व में यह 130 के आसपास रहता था। जिले की इसी स्थिति के चलते इंदौर में ट्यूबवेल खनन पर रोक है। इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति का अनुमोदन होने के बाद ही बोरिंग की अनुमति जारी की जा सकती है।

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समिति में बोर्ड का रीजनल अधिकारी, आईडीए, प्रदूषण नियंत्रण विभाग, नगर निगम सहित कुछ और विभाग के प्रतिनिधि होते हैं। पिछले साल बोर्ड की टीम ने इंदौर में ऑडिट किया था, जिसके आधार पर व्यवस्था को उचित नहीं पाते हुए दिशानिर्देश जारी किए थे। इन सबका परिपालन तो ठीक, जिले में बोर्ड की गाइड लाइन का पालन भी अनुमति जारी करने में नहीं हो रहा। अतिदोहन क्षेत्र होने से बोर्ड के प्रारूप में गठित समिति की बैठक होना चाहिए। सूत्रों के अनुसार जनवरी में कलेक्टर ने आदेश जारी कर एसडीएम को नोडल अधिकारी नियुक्त किया था। इससे ऐसा असमंजस हुआ कि 6 माह से समिति के अनुमोदन बिना ही अनुमतियां जारी हो रही हैं।

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सूत्रों की मानें तो कलेक्टर ने एसडीएम को आवेदन लेने, जांच करने, आवश्यक जांच रिपोर्ट के आधार पर अनुमति अनुशंसा तैयार करने के लिए कहा था। सभी प्रकरणों को समिति में प्रस्तुत कर अनुमोदन लिया जाना था। बताया जा रहा है, एसडीएम अपने ही स्तर पर अनुमतियां जारी कर रहे हैं। जब एसडीएम से अनुमति अधिकार के संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था, कलेक्टर ने समिति के अधिकार एसडीएम को दे दिए हैं। इसी आधार पर नगर निगम अपर आयुक्त और एसडीएम की अनुशंसा से अनुमतियां दी जा रही हैं।

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यह है वर्तमान स्थिति

– लंबित आवेदन – 970

– पूर्व के लंबित आवेदन – 570

– एसडीएम द्वारा जारी अनुमतियां – 350 से ज्यादा

– सबसे ज्यादा 138 अनुमति जूनी इंदौर क्षेत्र में दी

– कनाडि़या में 46 व मल्हारगंज में 42 अनुमति।

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