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निगम अफसरों को होश नहीं, शौचालय के पास बन गईं अवैध दुकानें

locationइंदौरPublished: Nov 11, 2019 04:03:29 pm

नगर निगम की कार्यशैली पर हमेशा लगते हैं सवालिया निशान

निगम अफसरों को होश नहीं, शौचालय के पास बन गईं अवैध दुकानें

निगम अफसरों को होश नहीं, शौचालय के पास बन गईं अवैध दुकानें

इंदौर. नगर निगम की कार्यशैली पर हमेशा सवालिया निशान लगते हैं, क्योंकि अफसर जनता का काम और शिकायतों का निराकरण करने की बजाय अपने मतलब का उल्लू सीधा करने में लगे रहते हैं। इसी का नतीजा है कि मालवा मिल गेट से लगी जमीन पर शौचालय के पास अवैध दुकानें बन गईं और निगम अफसरों को होश नहीं। मामले में व्यापारियों ने अवैध निर्माण की शिकायत की, लेकिन तोडफ़ोड़ की कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शहर में अतिक्रमण और अवैध निर्माण पर रोक लगाने की जिम्मेदारी निगम में भवन अनुज्ञा शाखा में तैनात बिल्डिंग अफसर (बीओ) और इंस्पेक्टर (बीआई) की है। इस काम में बीओ-बीआई तभी रुचि लेते हैं, जब शिकायतकर्ता राजनीति से जुड़ा हो या फिर रसूखदार हो, वरना आम लोगों की शिकायत निगम में इधर-उधर घूमकर धूल खाया करती है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस होता है। ताजा मामला निगम के जोन 3 में आने वाले मालवा मिल चौराहे से परदेशीपुरा पुलिस थाने जाने वाली रोड पर लगने वाली सब्जी मंडी का है।
यहां मालवा मिल गेट से थोड़ी दूर बने सार्वजनिक सुलभ शौचालय के पास दो दुकानों का निर्माण अवैध तरीके से चल रहा है। इस बारे में निगम के जिम्मेदारों को होश ही नहीं। दुकानों की छत डलने से पहले क्षेत्रीय व्यापारियों द्वारा निगम में शिकायत करने के बाद अफसर जागे, लेकिन तोडफ़ोड़ की कार्रवाई नहीं हुई। निगम के जिम्मेदार अफसर दिखावे के लिए मौका-मुआयना करके चले गए पर आगे कुछ नहीं किया।
क्षेत्रीय व्यापारियों का कहना है कि शौचालय के पास जहां पर दुकान बन रही है, वहां पर निगम का कोंदवाड़ा है। इसके साथ ही काफी जमीन खाली पड़ी है। अभी अवैध तरीके से दो दुकानें बन रही हैं। इनका निर्माण पूरा होने के बाद खाली पड़ी जमीन पर और दुकानें बन जाएंगी। इस तरह अवैध कब्जे बढ़ते जाएंगे। इन्हें रोकने के लिए निगम में शिकायत की, मगर कार्रवाई आज तक नहीं हुई। बताया जाता है कि मालवा मिल सब्जी मंडी में जिस जगह दुकान बन रही है, वहां पर पहले गुमटी हुआ करती थी।
कार्रवाई जरूर होगी

मालवा मिल सब्जी मंडी में शौचालय के पास दुकानें बनने की शिकायतें मिली हैं। जमीन से संबंधित दस्तावेज निर्माणकर्ताओं से मांगे हैं। दस्तावेज नहीं होने की दशा में दुकानों को तोड़ देंगे।
– धीरेंद्र बायस, क्षेत्रीय बिल्डिंग इंस्पेक्टर

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