शहर और वार्ड में विकास संबंधित अन्य काम करने वाले ठेकेदारों को दो महीने से बिल भुगतान नहीं हुआ है। पहले भुगतान हुआ तो लाखों-करोड़ों रुपए की बकाया राशि में से सिर्फ 10 प्रतिशत। दिवाली के चलते निगम से भुगतान हो जाए, ठेकेदार कई दिनों से इस प्रयास में हैं, लेकिन निगम किसी भी ठेकेदार को भुगतान नहीं कर पाया। ऐसे में ठेकेदार पैसों के लिए लेखा विभाग और अफसरों के चक्कर काट रहे हैं। इसके साथ ही ई-नगर पालिका के चलते विकास कार्यों के बिल ऑनलाइन करने की व्यवस्था लागू होने के बाद उलझ अलग रहे हैं, क्योंकि कई ठेकेदारों के बिल भुगतान के लिए लेखा विभाग में पहुंचने के बाद वापस जोनल ऑफिस या फिर मुख्यालय में भेज दिए गए हैं। अब जब यह बिल ऑनलाइन नहीं होंगे, तब तक भुगतान भी नहीं होगा। इस पर ठेकेदारों ने विरोध करने के साथ पुराने बिल का भुगतान पुराने तरीके से ही करने और नए बिल ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत लगाने की मांग रखी, लेकिन निगम ने इसे नामंजूर कर दिया। इसको लेकर निगम के ठेकेदार सोमवार शाम को लेखा विभाग में पहुंचे। यहां पर लेखा अधिकारी बीरभद्र शर्मा के दफ्तर में ठेकेदारों ने धरना देते हुए बिल भुगतान करने की मांग रखी। शर्मा से चर्चा के दौरान कुछ ठेकेदारों ने ई बिल के चक्कर में पैसा न मिलने पर काली दिवाली मनाने की बात कही।
इस पर शर्मा ने कहा किसी की भी दिवाली काली नहीं मनेगी। व्यवस्था करने में आयुक्त लगे हैं। उन्होंने ई बिल को लेकर राज्य शासन को एक पत्र लिखा है। इसमें ई नगर पालिका के तहत बिल ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले जिन ठेकेदारों के बिल भुगतान के लिए लेखा विभाग में आ गए हैं, उन्हें बिल ऑनलाइन करे बगैर भुगतान करने की मंजूरी मांगी गई है। लेखा अधिकारी शर्मा ने ठेकेदारों को दिवाली के पहले भुगतान करने का आश्वासन दिया है।