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रेरा-जीएसटी और नोटबंदी बेअसर, प्रॉपर्टी बाजार में बूम

locationइंदौरPublished: Sep 06, 2017 09:50:00 am

प्रॉपर्टी के दामों में बहुत अधिक इजाफा नहीं होना और आसान लोन से बन रही बात

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संदीप पारे@ इंदौर. जीएसटी और रेरा लागू होने के बाद से ही अपने खजाने के लिए फिक्रमंद सरकार के लिए प्रॉपर्टी बाजार से अच्छे संकेत मिले हैं। शहर में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रियों में लगभग 20 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है, वहीं राजस्व 18 फीसदी बढ़ा है। जानकार इसकी वजह प्रॉपर्टी के दाम में आई स्थिरता और निवेशक के बजाय वास्तविक खरीदार का बाजार में आना बता रहे है।
रीयल एस्टेट मार्केट के लिए रेरा कानून भी लागू कर दिया

प्रदेश को कृषि ही नहीं हर बात में नंबर वन रखने की हमारे मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप नोटबंदी की मुश्किलों में फंसे रीयल एस्टेट मार्केट के लिए रेरा कानून भी लागू कर दिया। इससे निकले नहीं थे, जीएसटी लागू हो गया। इतनी ज्यादा परेशानियों के बाद भी प्रॉपर्टी बाजार में लोगों की रूचि बनी हुई है।
अगस्त में राहत
अगस्त में बहुत अधिक इजाफा नहीं हुआ, लेकिन बीत चार माह का औसत देखे तो पंजीयन विभाग की आय में १८ फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले साल अप्रैल से अगस्त तक ३०८ करोड़ रुपए की आय हुई थी। यह बढक़र इस साल ३६४ करोड़ के लगभग पहुंच गई है। सिंतबर का पहला सप्ताह भी काफी भीड़भरा रहा है। प्रॉपर्टी से जुड़े लोगों का कहना है, रेरा में रजिस्ट्रेशन की बाध्यता के कारण खरीद-बिक्री में कमी आई। एेसा नहीं होता तो बाजार की स्थिति और अच्छी होती। जीएसटी और रेरा के कारण ऑनगोईंग प्रोजेक्ट के बजाय तैयार प्रोजेक्ट में अच्छे अवसर बने हैं। बैंकों द्वारा भी लोन प्रक्रिया को आसान बनाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना की सब्सिडी के चलते लोगों का रूझान बढ़ रहा है।
कुछ इस तरह बढ़ रहा आकार
रजिस्ट्री की संख्या
– 1 अप्रैल से 31 अगस्त -2017 तक – 32577
– 1 अप्रैल से 31 अगस्त -2016 तक – 28097

आमदनी करोड़ों में
– 1 अप्रैल से 31 अगस्त -2017 तक – 364
– 1 अप्रैल से 31 अगस्त -2016 तक – 308
हर माह का अंतर
माह 2017 2016
अप्रैल 49 47
मई 71 58
जून 82 65
जुलाई 89 67
अगस्त 70 70

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