ऐसे काम करता है एप
वालेंटियर के आसपास रहने वाला कोई पीडि़त अगर एप के जरिए मदद मांगता है तो वालेंटियर के 112 एप पर अलार्म बजेगा और पीडि़त की लोकेशन भी दिखाई देगी। वालेंटियर को वहां तत्काल मदद के लिए पहुंचना पड़ेगा।
– वालेंटियर जरुरत के आधार पर एप पर सेवा बंद अथवा चालू कर सकता है।
– 112 कालर के पास मदद के लिए डायल 100 या अन्य सेवा तो पहुंचेगी ही, साथ ही वालेंटियर को भी पहुंचकर आवश्यक मदद करना होगी।
वालेंटियर के आसपास रहने वाला कोई पीडि़त अगर एप के जरिए मदद मांगता है तो वालेंटियर के 112 एप पर अलार्म बजेगा और पीडि़त की लोकेशन भी दिखाई देगी। वालेंटियर को वहां तत्काल मदद के लिए पहुंचना पड़ेगा।
– वालेंटियर जरुरत के आधार पर एप पर सेवा बंद अथवा चालू कर सकता है।
– 112 कालर के पास मदद के लिए डायल 100 या अन्य सेवा तो पहुंचेगी ही, साथ ही वालेंटियर को भी पहुंचकर आवश्यक मदद करना होगी।
कौन बन सकता है वालेंटियर
कोई भी शासकीय सेवक, एनसीसी या स्काउट छात्र, नगर व ग्राम रक्षा समिति सदस्य, सेवानिवृत्त शासकीय सेवक, भूतपूर्व सैनिक, एनआइटीआइ पर रजिस्टर्ड एनजीओ का सदस्य, वन स्टाप सेंटर/महिला बाल विकास विभाग का कर्मचारी, महिला हेल्प डेस्क अथवा आंगनावाड़ी कार्यकर्ता।
कोई भी शासकीय सेवक, एनसीसी या स्काउट छात्र, नगर व ग्राम रक्षा समिति सदस्य, सेवानिवृत्त शासकीय सेवक, भूतपूर्व सैनिक, एनआइटीआइ पर रजिस्टर्ड एनजीओ का सदस्य, वन स्टाप सेंटर/महिला बाल विकास विभाग का कर्मचारी, महिला हेल्प डेस्क अथवा आंगनावाड़ी कार्यकर्ता।
ऐसे बन सकते है वालेंटियर वालेंटियर सेवा के लिए इच्छुक व्यक्ति के फोन में गूगल प्ले स्टोर से 112 इंडिया एप डाउनलोड करना होगा।
– संबंधित व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करें। इसके बाद लाइक टू एक्ट एस है वालेंटियर पर टिक करना होगा।
– वालेंटियर को स्वयं प्रमाणित पहचान पत्र व फोटो अपलोड करना होगा। पुलिस रेडियो शाखा को प्रदाय आइडी पासवर्ड से इसे पोर्टल पर वेरिफाइ किया जाएगा।
– संबंधित व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करें। इसके बाद लाइक टू एक्ट एस है वालेंटियर पर टिक करना होगा।
– वालेंटियर को स्वयं प्रमाणित पहचान पत्र व फोटो अपलोड करना होगा। पुलिस रेडियो शाखा को प्रदाय आइडी पासवर्ड से इसे पोर्टल पर वेरिफाइ किया जाएगा।