आज भी इसमें कोई कमी नहीं आई है। दिमाग से कंट्रोल होने वाली व्हीलचेयर मेरे लिए खास है, लेकिन इसके लिए आगे रास्ता आसान नहीं है, क्योंकि हमारे देश में अभी भी दिमाग को पढऩे वाली सेंसर टेक्नोलॉजी उस स्टैंडर्ड की नहीं है। उन्होंने कहा, हमारी शुरुआत अच्छी है लेकिन अभी काफी लंबा सफर तय करना है। ३डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी से न सिर्फ पैसों की बचत होती है, बल्कि रोबोट्स का वजन भी कम हो जाता है।
दूसरे दिन हुए ये इवेंट्स चाणक्य
फाइनल राउंड में केस स्टडी व क्विज के आधार पर ६ टीम का चयन किया गया। आखिरी राउंड में सभी ने पैनल के सामने केस स्टडी का प्रजेंटेशन दिया। एक सीमित समय में अपनी क्रिएटिविटी, एनालिसिस और स्ट्रक्चर के आधार पर विजेताओं का चयन किया। आइआइएम उदयपुर, इंदौर, नागपुर व एसआइबीएम पुणे की टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया।
लावण्या
डांस इवेंट लावण्या में पार्टिसिपेंट्स ने एक से बढक़र डांस परफॉर्मेंस दी। सोलो, डुएट व ग्रुप परफॉर्मेंस हुई। क्लासिकल डांसर रक्षित यादव व कोरियोग्राफर विक्की दुबे ने जज किया।
अश्वमेधा
लीडरशिप इवेंट अश्वमेधा का फिनाले हुआ। देशभर से आए मैनेजमेंट स्कूल्स के ३० स्टूडेंट्स की बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हुई।
फोटोग्राफी
फोटोग्राफी प्रतियोगिता में अंशुल मेहरोत्रा को विजेता चुना गया।
फाइनल राउंड में केस स्टडी व क्विज के आधार पर ६ टीम का चयन किया गया। आखिरी राउंड में सभी ने पैनल के सामने केस स्टडी का प्रजेंटेशन दिया। एक सीमित समय में अपनी क्रिएटिविटी, एनालिसिस और स्ट्रक्चर के आधार पर विजेताओं का चयन किया। आइआइएम उदयपुर, इंदौर, नागपुर व एसआइबीएम पुणे की टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया।
लावण्या
डांस इवेंट लावण्या में पार्टिसिपेंट्स ने एक से बढक़र डांस परफॉर्मेंस दी। सोलो, डुएट व ग्रुप परफॉर्मेंस हुई। क्लासिकल डांसर रक्षित यादव व कोरियोग्राफर विक्की दुबे ने जज किया।
अश्वमेधा
लीडरशिप इवेंट अश्वमेधा का फिनाले हुआ। देशभर से आए मैनेजमेंट स्कूल्स के ३० स्टूडेंट्स की बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हुई।
फोटोग्राफी
फोटोग्राफी प्रतियोगिता में अंशुल मेहरोत्रा को विजेता चुना गया।
रोबोट्स से नौकरियां कम नहीं होगी, तरीका बदलेगा
दिवाकर ने कहा, रोबोट्स के कारण निश्चित रूप से नौकरियों में व्यवधान तो आएगा, लेकिन जितना दिखाया जा रहा है, उतना असर नहीं पड़ेगा। ओला और उबर के आने पर कहा जा रहा था कि ऑटो रिक्शा चालक प्रभावित होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नौकरियों में कमी नहीं आएगी, बल्कि इनकी प्रकृति में बदलाव जरूर होगा। सपने पूरे करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा : उन्होंने कहा, हमारे एजुकेशन की तुलना पश्चिमी देशों के साथ नहीं की जा सकती। हमारे यहां समस्या समाज की धारणा के साथ है, क्योंकि सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता। हमें सिर्फ एक सुरक्षित नौकरी करने के लिए मजबूर किया जाता है।
दिवाकर ने कहा, रोबोट्स के कारण निश्चित रूप से नौकरियों में व्यवधान तो आएगा, लेकिन जितना दिखाया जा रहा है, उतना असर नहीं पड़ेगा। ओला और उबर के आने पर कहा जा रहा था कि ऑटो रिक्शा चालक प्रभावित होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नौकरियों में कमी नहीं आएगी, बल्कि इनकी प्रकृति में बदलाव जरूर होगा। सपने पूरे करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा : उन्होंने कहा, हमारे एजुकेशन की तुलना पश्चिमी देशों के साथ नहीं की जा सकती। हमारे यहां समस्या समाज की धारणा के साथ है, क्योंकि सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता। हमें सिर्फ एक सुरक्षित नौकरी करने के लिए मजबूर किया जाता है।