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यूनिवर्सिटी की कमाई पर आयकर विभाग की नजर

locationइंदौरPublished: Oct 10, 2018 07:08:47 pm

Submitted by:

amit mandloi

– आइइटी को भेजा साढ़े 13 करोड़ का नोटिस, बाकी विभाग भी जद में
 

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यूनिवर्सिटी की कमाई पर आयकर विभाग की नजर

इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के विभागों में फीस से होने वाली आय अब आयकर विभाग की नजर में आ गई है। यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार आयकर विभाग ने इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आइइटी) को साढ़े १३ करोड़ रुपए का नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न इसे अघोषित आय मानते हुए इनकम टैक्स एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। इस नोटिस के बाद यूनिवर्सिटी के बाकी विभाग भी कार्रवाई की जद में है। इन विभागों को भी सालाना करोड़ों रुपए बतौर फीस मिलते है।
आइइटी को आयकर के नोटिस पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने हैरानी जताई है, क्योंकि शैक्षणिक संस्थान आयकर के दायरे में नहीं आते। हालांकि, जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) लागू होने के बाद यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों से संबद्धता फीस के साथ जीएसटी भी जमा कराना शुरू किया है। यह कदम भी सेंट्रल एक्साइज के नोटिस के बाद उठाया गया, जिसमें २०१२ से २०१७ की अवधि के लिए ४.१७ करोड़ रुपए की रिकवरी निकाली गई थी। तब भी यूनिवर्सिटी ने टैक्स से छूट का हवाला देकर बचने की कोशिश की थी। इस रिकवरी को लेकर शासन से भी मार्गदर्शन मांगा गया है। जानकारों के अनुसार इनकम टैक्स से छूट होने पर भी नियमानुसार प्रतिवर्ष रिटर्न दाखिल करना ही होता है। इस कारण अब आइइटी पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। आइइटी की तरह अन्य विभाग भी आयकर जमा नहीं कर रहे है। इस नोटिस के बाद इन विभागों ने भी रिटर्न जमा करने की तैयारी कर ली है।
आय का ोत भी बताना जरूरी

आइइटी ने सत्र २०११-१२ से ही रिटर्न जमा नहीं कराया। इसे ही नोटिस की मुख्य वजह माना जा रहा है। आयकर ने खाते में जमा हुए ५.२३ करोड़ और ८.२५ करोड़ रुपए की राशि जमा होने का ोत भी पूछा है। २०१०-११ में विभाग से खाते से हुए ९.३७ करोड़ रुपए के लेन-देन का भी ब्यौरा देना होगा। नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर आइइटी प्रबंधन पर कार्रवाई भी हो सकती है।
शैक्षणिक संस्थान आयकर के दायरे में नहीं आते है। हम खुद हैरान है कि ऐसा नोटिस कैसे मिल गया। नोटिस के जवाब के लिए विधिक राय ली जा रही है।
– प्रो. संजीव टोकेकर, डायरेक्टर, आइइटी
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