इंदौर

आयकर की नजर में  30 लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति की खरीदने-बेचने वाले

विभाग ने मांगी 500 रजिस्ट्रियों की रिपोर्ट

इंदौरMar 17, 2019 / 10:59 am

Mohit Panchal

आयकर की नजर में  30 लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति की खरीदने-बेचने वाले

इंदौर। वित्त वर्ष खत्म होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सभी सरकारी डिपार्टमेंट वसूली को लेकर सख्त हैं। ऐसे में आयकर विभाग भी पीछे कैसे हटता? रजिस्ट्रार विभाग से उसने ५०० से अधिक रजिस्ट्रियों की जानकारी मांग ली है। ये सभी रजिस्ट्रियां ३० लाख रुपए से अधिक कीमत वाली संपत्तियों की है जिसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद आमजन को लग रहा था कि सारे सरकारी कामकाज ठंडे पड़ जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। वित्त वर्ष खत्म होने पर वसूली से संबंधित विभाग ओर सख्त हो गया है। खासतौर पर आयकर, वाणिज्यिक कर (जीएसटी), डायवर्शन टैक्स, नगर निगम में जल कर व संपत्ति कर की वसूली जोरों पर है।
हर विभाग अपना लक्ष्य पूरा करने में जुटा हुआ है जिसमें सत्ताधारी पार्टी भी बाधा नहीं बन रही। अफसर सीधे आचार संहिता का हवाला देकर उन्हें ठंडा कर रहे हैं। सबसे सख्त काम आयकर विभाग का चल रहा है। १५ मार्च से एडवांस टैक्स जमा किया जा सकता था जिसको लेकर विभाग के अफसरों ने खासा दबाव बनाया ताकि वसूली अच्छी हो सके। इसके बाद अब उनके निशाने पर शहर में बड़ी संपत्ति के खरीदार हैं।
३० लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति की रजिस्ट्री वाले दस्तावेजों को विभाग ने बुलवा लिया है। रजिस्ट्रार विभाग ५०० से अधिक दस्तावेज देने की तैयारी कर रहा है। एक तरफ मार्च का अंत चलने पर रजिस्ट्री का लोड तो दूसरी तरफ आयकर विभाग ने मांगी गई रिपोर्ट तैयार करने में उसके पसीने छूट रहे हैं। अतिरिक्त समय निकालकर काम किया जा रहा है, क्योंकि आयकर से लगातार दबाव है कि वे तुरंत रिपोर्ट पेश करें।
सूची के आधार पर थमाएंगे नोटिस
जैसे ही रजिस्ट्रार विभाग संपत्ति की खरीद-फरोख्त की रिपोर्ट आयकर विभाग को सौंपता है वैसे ही दूसरी तरफ विभाग संपत्ति के सभी खरीदार व बेचवाल को नोटिस थमा देगा। उनसे पूछ लेगा कि खरीदा तो इतना पैसा कहां से लाए और बेचा तो कमाए पैसे पर टैक्स चुकाया या नहीं। टैक्स होने पर मार्च में वसूली का प्रयास किया जाएगा ताकि साल में विभाग की वसूली का लेखा-जोखा मजबूत हो सके।

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