प्रदेश सरकार के नए परिवहन मंत्री गोविंद ङ्क्षसह राजपूत ने सोमवार से काम शुरू कर दिया है। इससे पहले ही इंदौर आरटीओ से एक बाबू ने वहां पर हाजरी लगा दी है और अपने साथ ही अन्य बाबुओं को न हटाने के लिए सेटिंग शुरू कर दी है। वहीं वर्षों से इंदौर में जमीं एआरटीओ अर्चना मिश्रा को इंदौर आरटीओ से रवाना करने के लिए तैयारी शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि इंदौर आरटीओ के ही कुछ बाबुओं ने इसके लिए लॉबिंग करना शुरू कर दी है। वहीं डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर संजय सोनी भी पहले इंदौर में ही आरटीओ थे और डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर हैं। उनका भी इंदौर से जाना तय माना जा रहा है, क्योंकि ग्वालियर मुख्यालय में बैठे कुछ अफसर इसी सीट को पाने के लिए जुटे हुए हैं।
इसी माह आएगी सूची बता दें कि सोमवार से परिवहन मंत्री गोविंद ङ्क्षसह ने काम शुरू कर दिया है। एक बड़े अफसर ने बताया कि सभी आरटीओ से बाबू और अफसरों के नाम बुलवाए गए हैं। जो बाबू और अफसर वर्षों से एक ही जगह पर जमे हैं, उन्हें अन्य जिलों में भेजा जाएगा। इसके साथ ही कुछ जिलों के आरटीओ को भी यहां से वहां भेजा जाएगा।
लोकायुक्त में भी हुई शिकायत मिश्रा की शिकायत लोकायुक्त से भी हुई है। शहर कांग्रेस कमेटी के महामंत्री रोहित धनोते ने बताया कि एआरटीओ अर्चना मिश्रा ने हैवी लायसेंस की फाइल में लगी फर्जी मार्कशीट को अनदेखा कर लायसेंस बना दिया। इस मामले सितंबर में लोकायुक्त को शिकायत भी की गई है।
लग चुका टैक्स चोरी का आरोप इंदौर आरटीओ में करीब ५ वर्षों से एआरटीओ अर्चना मिश्रा एक ही पोस्ट पर है। इन पर कई बार लापरवाही का आरोप लग चुका है। करीब छह माह पहले अस्थाई रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाने में फर्जी रसीद लगाने का मामला उजागर हुआ था। जिसमें २७० से अधिक फाइलें ऐसी मिलीं जिसमें कम टैक्स भरकर अधिक की रसीद लगाई गई थी। २० सितंबर को आरटीओ ने एजेंट गुलरेज अहमद और कम्प्यूटर ऑपरेटर आनंद कौशल के खिलाफ पुलिस को शिकायत की थी। इन फाइलों पर भी एआरटीओ ने साइन किए थे।