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जगह-जगह खुदी सडक़ें, शहर बेहाल

locationइंदौरPublished: Jan 16, 2021 06:19:03 pm

लेटलतीफी से हो रही मुसीबत

जगह-जगह खुदी सडक़ें, शहर बेहाल
इंदौर. देश का सबसे स्वच्छ शहर, मध्यप्रदेश की व्यापारिक राजधानी और ऐसे न जाने कितने तमगों से पहचाने जाने वाले इंदौर शहर के हाल बेहाल है, क्योंकि जिधर जाओ, उधर सडक़ें खुदी पड़ी हैं। स्वच्छता में लगातार चार बार अव्वल आने के बावजूद पांचवीं बार फिर से इस गौरव को हासिल करने के इंतजार में पिछले 5 माह से शहर के रहवासी परेशान हैं, क्योंकि जगह-जगह खुदी सडक़ें की वजह से घटना-दुर्घटना होने के साथ यातायात अलग बाधित हो रहा है। यह परेशानी अब कब तक चलेगी, इसका जिम्मेदारों के पास कोई जवाब नहीं है।
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजना की कल्पना को साकार करने की दौड़ में पहले 5 शहरों में गिने जाने वाले इंदौर में हालात बहुत बुरे हैं। शहर कितना ज्यादा स्मार्ट है, इसका अंदाजा तो इस समय शहर के किसी भी सडक़ पर जाकर लगाया जा सकता हैं, क्योंकि इस समय शहर में जो भी काम चल रहा है, उसके कारण पूरा शहर खुदा हुआ पड़ा है। नगर निगम के जिन अफसरों के हाथों में काम को पूर्ण कराने की जिम्मेदारी दी है, उनके द्वारा काम को करवाने में पर्याप्त गंभीरता नहीं रखी जा रही है। नतीजतन भुगतना शहर की जनता को पड़ रहा है, क्योंकि नाला टेपिंग से लेकर स्टार्म वाटर, ड्रेनेज और पानी की पाइप लाइन डालने के साथ अंडर ग्राउंड केबल डालने के लिए सडक़ों पर बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर रख दिए हैं। कई जगहों पर सडक़ को तो पूरी तरह बंद कर दिया है। बैरिकैट्स लगाकर वर्क इज ऑन प्रोग्रेस का बोर्ड अलग लगा रखा है, जो कि पिछले 5 माह से प्रोग्रेस में ही चल रहा है। अब तक न तो काम पूरा हुआ है और न ही कोई जनता को कोई सुविधा मिली है। नाला टेपिंग का काम पिछले 5 महीने से चल रहा है और आने वाले कितने महीने तक चलेगा इसका किसी को पता नहीं है।
इस तरह हो रही गड़बड़ी
नदी-नालों में ड्रेनेज के गिरने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए शहर में नाला टेपिंग का काम चल रहा है। इस काम में गड़बड़ी हो रही है। इन गड़बडिय़ों को दूर करने के लिए एक बार फिर नए सिरे से काम किया जा रहा है। इस काम के अंतर्गत पुरानी गलतियों को सुधारने तथा पहले के छूटे हुए कामों को पूरा करने का काम जोर-शोर से हो रहा है। इस काम के कारण बहुत से स्थानों पर खुदाई करना पड़ी है। सीवरेज लाइन को चालू करने के लिए भी इस समय शहर में खुदाई हो रही है। केंद्र सरकार की जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण योजना के अंतर्गत निगम के द्वारा 360 करोड़ रुपए की लागत से सारे शहर में सीवरेज लाइन डालने का काम किया गया था। इस प्रोजेक्ट पर अमल करने का काम तेज गति से नहीं हो सका और यह प्रोजेक्ट 450 करोड़ रुपए में पूरा हुआ। अभी कुछ वर्षों पहले डाली गई इस सीवरेज लाइन को चार्ज करने और उसमें पानी का बहाव सुनिश्चित करने का काम और रहा है। इसलिए भी जगह-जगह रोड की खुदाई की गई है।

नर्मदा के लिए भी खुदाई
नर्मदा की पाइप लाइन को सुधारने, नई लाइन को डालने और टूटे हुए पाइप को जोडऩे सहित उसे बदलने का काम चलता रहता है। यह काम तो कभी भी पूरा हो ही नहीं पाता है। इस काम को करने के लिए हर समय ही अलग-अलग क्षेत्रों में सडक़ खोदकर लाइन का काम किया जाता है। इस समय भी यह काम शहर में कई स्थानों पर चल रहा है और जनता परेशान हो रही है।
कान्ह को किया जा रहा शुद्ध
निगम के द्वारा कान्ह और सरस्वती नदी को शुद्ध करने का बीड़ा उठाया गया है। इसके अंतर्गत इनमें जाकर मिलने वाली ड्रेनेज लाइनों को अब प्राइमरी लाइन और सेकेंडरी लाइन से जोडऩे का काम चल रहा है । इस काम के अंतर्गत भी शहर में कई स्थानों पर खुदाई की गई है। कान्हा और सरस्वती नदी पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं। इस प्लांट में सीवरेज का पानी बराबर पहुंचाने के लिए जहां भी लाइन चोक हो रही है,उसे सुधारने का भी काम चल रहा है। यह काम भी कई स्थानों पर खुदाई का कारण बन गया है।
कुछ कारणों से काम की रफ्तार धीमी
कुछ कारणों से काम की रफ्तार धीमी हुई थी, लेकिन अब हमने इस काम में तेजी लाई है। हमारी कोशिश है कि इस माह में सभी कामों को समाप्त कर लिया जाए। हमारी कोशिश रहेगी की फरवरी माह में शहर की सडक़ों को दोबारा पहले जैसा कर दिया जाएगा।
-एस. कृष्ण चैतन्य, प्रभारी आयुक्त

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