आदर्श खेत और कीटो डाइट की उन्नत खेती से मालामाल होंगे किसान
- पायलेट प्रोजेक्ट के लिए 1 हजार एकड़ के फार्म तैयार
- सौंफ, अलसी, रागी और पत्तेदार सब्जियां बनी डाइट का हिस्सा
- फूलग्राम और फलग्राम जैसे प्रयोग के साथ पशु पालन, हॉर्टीकल्चर, एक्वाकल्चर, एरोमेटिक्स आदि की शुरुआत की जाएगी

इंदौर. प्रदेश में खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए अलग-अलग तरह के प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। प्रशासन व कृषि विभाग ने खेती को किसान उद्यमिता से जोडऩे के लिए एक पायलेट प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसके आधार पर आदर्श खेत और केटो डाइट प्लान से जुड़ी वस्तुओं की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही उन्हें खेती के अलावा अन्य गतिविधियों से भी जोड़ा जाएगा। इसमें फूलग्राम और फलग्राम जैसे प्रयोग शामिल हैं।
मैंग्निफिसेंट एमपी में मुख्यमंत्री ने कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए किसानों को नवाचारी खेती से जोडऩे की दिशा में प्रयास करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने कृषि और उद्यानिकी विभाग के साथ इस दिशा में मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए रबी और खरीब की फसलों के साथ ही फार्म एग्रिकल्चर की शुरुआत की जाएगी। इसके अलावा कृषि से जुड़ी अन्य तरह की गतिविधियों को भी इससे जोड़ा जाएगा। जैसे पशु पालन, हॉर्टीकल्चर, एक्वाकल्चर, एरोमेटिक्स आदि। इससे किसानों को परंपरागत फसलों के अलावा अन्य तरह की फसलें उगाने का प्रशिक्षण और प्रोत्साहन देंगे। जिससे किसान आम जीवन से जुड़ी वस्तुओं के उत्पादन की ओर भी प्रेरित हों। कृषि की मार्किंग भी जाएगी।
कीटो डाइट से जुड़ी वस्तुएं
इन दिनों लाइफ स्टाइल फूड का चलन बढ़ गया है। लोग खाने को पौष्टिकता से परिपूर्ण करने के लिए अलग-अलग तरह की डाइट ले रहे हैं। इन्हींं में से एक है कीटो डाइट। इसमें कुछ हिस्सा सब्जियों का और कुछ हिस्सा कम कार्बोहाइड्रेड वाली वस्तुओं का होता है। इसके लिए परंपरागत खेती से अलग काम करने की जरूरत है। इसलिए पत्तेदार सब्जियां, अलसी, सूर्यमुखी, निनोरा, रागी की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए भी 300 हैक्टेयर से अधिक की जमीन चुनी गई है। इससे किसानों को अतिरिक्त आय होगी और इनसे खेती के क्षेत्रों की पहचान बनेगी। आमतौर पर इन वस्तुओं की ज्यादा मांग होने पर मध्यप्रदेश को अन्य राज्यों का मुंह देखना पड़ता है।

पीपलिया में बनेंगा आदर्श खेत
प्रारंभिक तौर पर आगामी रबी सीजन के लिए आदर्श खेत तैयार किया जा रहा है। यह खेत गेहूं की पैदावार को लेकर है। इसके लिए 100 हैक्टेयर के खेतों को चिह्नित किया है। यहां उन्नत किस्म के गेंहूं के बीज किसानों को बोने के लिए दिए जा रहे हैं। सामान्यतौर पर एक हैक्टेयर में 21 क्विंटल फसल का अनुमान होता है। इन खेतों में इसे 40 क्विंटल तक ले जाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए कृषि विभाग के विशेषज्ञ विशेष तौर पर किसानों के साथ संवाद करेंगे और उन्हीं की निगरानी में इनमें खाद-पानी दिया जाएगा।

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