पहले इंदौर से मंत्री पटवारी को लड़वाने की तैयारी थी। उनके नाम पर कल सुबह से गहन मंथन चल रहा था, लेकिन ऐनवक्त पर मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मंत्री पटवारी के नाम का विरोध कर दिया। पिछले दिनों डॉ. आम्बेडकर की जयंती के अवसर पर महू में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भी मुख्यमंत्री नाथ ने उनके प्रति नाराजगी जाहिर की थी।
संघवी ने कर ली थी विरोधियों से दोस्ती संघवी इससे पहले वर्ष 1998 में चुनाव हार चुके हैं, इस बार जीत का भरोसा है। भाजपा का उम्मीदवार घोषित होने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी का नाम जारी करने की बात नेताओं ने कही थी, लेकिन कांग्रेस ने पहले टिकट घोषित कर दिया। लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने पांच नंबर विधानसभा से टिकट की दावेदारी की। इसके चलते संघवी ने अपने सारे विरोधियों से दोस्ती कर ली थी। पार्टी ने पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल को उम्मीदवार बना दिया, लेकिन संघवी ने चुनाव में पटेल का काम किया। चुनाव की तारीख घोषित होते ही संघवी ने दावेदारी शुरू कर दी। उनके नाम पर शहर कांग्रेस के सारे नेता जहां सहमत हैं, वहीं एकजुट भी हो गए।
खजराना मंदिर जाकर टेका मत्था टिकट तय होते ही संघवी के घर जश्न का माहौल बन गया। संघवी ने खजराना गणेश मंदिर पहुंचकर पूजा की। इसके बाद कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे। मेल-मिलाप का सिलसिला रात 2 बजे तक चला। आज नामांकन दाखिल करने की तैयारी के साथ चुनाव लडऩे की रणनीति बनाने को लेकर बैठक होगी। टिकट तय होने के बाद संघवी सबसे पहले मंत्री जीतू पटवारी और कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री से मिले।