बाणगंगा इलाके में एमआर-4 पर बंद पड़ी एक फैक्ट्री में बच्चें का शव मिला। उसकी पहचान योगेश (13) पिता दिनेश चौहान निवासी गोविंद नगर खारचा के रूप में हुई। वह निजी स्कूल में पांचवी कक्षा में पढ़ाई करता था। 18 जनवरी को घर से साइकिल चलाने का कहकर निकला। मां राधा से कुछ देर में आ जाने की बात कही। आधे घंटे तक नहीं आने पर मां ने उसे फोन किया तो नंबर बंद था। काफी देर बाद भी नहीं लौटने पर परिजन तलाश में जुटे। रात 12 बजे उन्होंने बाणगंगा थाने पर शिकायत की। पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया। जांच में पता चला कि एक बच्चें के साथ साइकिल पर वह पीछे बैठकर जाता नजर आया। बच्चें की पहचान कर पुलिस ने पूछताछ की तो वह योगेश के साथ स्कूल में ही पढ़ाई करता था। उसने बताया कि योगेश अपनी कॉपी लेने मेरे घर आया था। बाद में उसे कुछ दूरी तक छोडऩे के लिए गया। हत्या की बात सामने आने पर पुलिस ने फिर उसे पूछताछ के लिए बुलाया है। उसके बारें में पता चला है कि वह घर से अक्सर भाग जाता है। परिवार भी उससे परेशान है। वही बच्चें के नहीं मिलने पर परिजन ने पेमप्लेट बनवाकर भी इलाके में बंटवाए। उसे ढूंढने में एरोड्रम इलाके में देखे जाने की बात आई। वहां एक दुकान पर वह पोहे खाने रुका। रुपए नहीं होने पर चला गया। दोपहर ३ बजे बंद फैक्ट्री के चौकीदार भरत पटेल ने शव देखकर साथी संतोष पटेल को बताया। फिर जानकारी पुलिस को मिली। बाणगंगा पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। एफएसएल टीम ने भी मौके पर जांच की।
एएसपी प्रशांत चौबे ने बताया, शव एक दिन पुराना है। बच्चें को पेड़ से तार की मदद से बांधा गया। उसकी शर्ट से दोनो हाथ बांध दिए। पहले उसकी पिटाई की गई। निढाल होकर वह जमीन पर गिरा तो पत्थर से वार कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की।