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नौकरी करते थे फिर बन गए कंपनी डॉयरेक्टर

locationइंदौरPublished: Sep 06, 2018 09:51:58 pm

Submitted by:

Chintan

चिटफंड कंपनी ठगी मामला, एक आरोपित को भोपाल से रिमांड पर लाए

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नौकरी करते थे फिर बन गए कंपनी डॉयरेक्टर

इंदौर. चिटफंड कंपनी के जरिए लोगो को रुपए दुगुना करने का झांसा देने वाले कंपनी डॉयरेक्टर को प्रोडक्शन वारंट पर पुलिस भोपाल से लाई। उसका कहना है कि पहले वह कंपनी में काम करता था। बाद में उसे व परिवार के लोगो को डॉयरेक्टर बना दिया गया।
पलासिया पुलिस ने मालव अंचल इंडिया व यूएसके इंडिया कंपनी के डॉयरेक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए है। कंपनी का महाकौशल कार्पोरेट हाउस मनोरमागंज व रेफेल टावर में ऑफिस था। कंपनी ने साढ़े पांच साल में डेढ़ गुना, साढ़े छह साल में पैसा डबल करने का झांसा दिया। इंदौर, देवास, सोनकच्छ, सीहोर, आष्टा, हाटपिपलिया, कन्नौद के लोगो से कंपनी ने पैसा जमा कराया था। जब पैसा लौटाने का समय आया तो ऑफिस बंद कर कंपनी भाग निकली थी। कंपनी के दस डॉयरेक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। एक डॉयरेक्टर संजय वर्मा निवासी ग्राम नावदा को भोपाल पुलिस ने धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया था। पलासिया पुलिस भोपाल जेल में उसकी गिरफ्तारी ले चुकी है। पुलिस ने उससे पूछताछ के लिए रिमांड मांगा था। बुधवार को प्रोडक्शन वारंट पर उसका 8 सिंतबर तक रिमांड मिला।
पूछताछ में संजय ने बताया कि दिल्ली के तीन-चार लोगो ने कंपनी देवास में शुरू की थी। संजय उसमें कर्मचारी था। बाद में अनुबंध कर संजय, उसके पिता व मां को कंपनी में पहले पार्टनर बनाया गया। बाद में उन्हें डॉयरेक्टर बना दिया। अन्य कर्मचारियों को भी इसी तरह डॉयरेक्ट बनाया। संजय के मुताबिक कंपनी के मुख्य डॉयरेक्टर रातो रात कंपनी बंद कर भाग गए। इसी के बाद वे लोग भी गायब हो गए। संजय को लेकर पलासिया पुलिस उसके घर जाएंगी। वहां पर उसके घर की सर्चिंग व संपत्ति, बैंक खातों की जानकारी लेंगे। अन्य आरोपित के बारें में भी पुलिस पूछताछ करेंगी। कंपनी के खिलाफ भोपाल के कमला नगर व टोंकखुर्द में भी केस दर्ज है।
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