एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने बताया कि हीरा नगर इलाके में स्कूल कर्मचारी अनिल पाल निवासी न्यू गौरी नगर का अपहरण हो गया था। मामले में पुलिस ने किशोर खंडारे निवासी वाशिम महाराष्ट्र, मेघा खंडारे निवासी दत्त नगर, रोनी शेख, लीमा हलधर को पकड़ा था। एएसपी डॉ. प्रशांत चौबे, सीएसपी निहित उपाध्याय, टीआई राजीव भदौरिया की टीम ने आरोपियों के घर की तलाशी की तो मेघा के दो पासपोर्ट मिले। एक पासपोर्ट भारतीय था जबकि दूसरा बांग्लादेश का था। इसमें मेघा का नाम बेगम खातून था। पूछताछ में उसने कबूला कि वह बांग्लादेशी नागरिक है। दस साल पहले काम के लिए मुंबई आ गई। यहां पर देह व्यापार करने लगी।
तीन साल पहले शिर्डी में उसकी मुलाकात किशोर से हुई। उसने पहले किशोर को अपना नाम मेघा ही बताया लेकिन बाद में उसे पता चला गया कि वह बांग्लादेश से है। दोनो ने शादी कर ली। इसके बाद अहमदाबाद, मुंबई, शिर्डी, नासिक, बेंगलुरु, पीथमपुर में रहे। वीजा का अवधि खत्म हुई तो उन्होंने आठवी की फर्जी मार्कशीट बनवाई। इस आधार पर पासपोर्ट तैयार कर मेघा के नाम से रहने लगी। किराएदारी अनुबंध से उसने आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज भी इंदौर के तैयार कर लिए। लीमा व रोनी भी बांग्लादेशी नागरिक है और बिना पासपोर्ट अवैध रुप से भारत में आए। लीमा को देह व्यापार के लिए रोनी लाया था। आरोपियों के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम, विदेशी विषयक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया।
आठ हजार रुपए में ली मार्कशीट किशोर ने मरीमाता चौराहे के पास कम्प्यूटर की दुकान चलाने वाले शिवकुमार यादव निवासी बह्म बाग कॉलोनी से आठ हजार रुपए में फर्जी मार्कशीट मेघा के नाम से बनवाई। शिव ने यह मार्कशीट अशोक अग्रवाल निवासी नंदानगर से ली थी। अशोक ने अब तक 100 फर्जी मार्कशीट तैयार की है। ये पांचवी व आठवी कक्षा की है। इनमें से ज्यादातर मार्कशीट उससे आरटीओ के एजेंट बाबूलाल गौड़ निवासी भोई मोहल्ला ने ली। वह इन मार्कशीट का इस्तेमाल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए करता। इसके जरिए अब तक सैकड़ो लाइसेंस बाबूलाल बनवा चुका है। कुछ लोगो ने खेल प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए भी कम उम्र बताने के लिए मार्कशीट बनवाई है। पुलिस ने शिव, अशोक व बाबूलाल को भी गिरफ्तार किया है।
नकली नोट बनाकर चला दिए वर्ष 2018 में किशोर, विश्वास नगर में रहता था। तब उसके दिमाग में नकली नोट बनाने का विचार आया। कलर प्रिंटर की मदद से 100 रुपए के नोट उसने बनाए। करीब 10 हजार रुपए कीमत के नकली नोट उसने इंदौर, पीथमपुर व धार में चला भी दिए। उसके पास से कुछ नकली नोट भी मिले। आरोपियों ने मोबाइल के जरिए देह व्यापार के लिए ग्राहक ढूंढते। अभी पूछताछ में अन्य किसी अपहरण की घटना से आरोपी इनकार कर रहे है। इन्हें फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएंगी। बांग्लादेश से लौटन पर मेघा वहीं के पासपोर्ट से आती। यहां से जाने के लिए भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल करती। मामले की जानकारी खुफिया विभागो को दी गई है। उनकी मदद से जांच आगे की जा रही है।