रेल लाओ महासमिति के पूर्व संयोजक डॉ. दीपक नाहर ने बताया कि रेलवे विभाग ने पीथमपुर में 50 प्रतिशत तक अधूरी निर्मित टनल के पूर्ण निर्माण के लिए 132 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है। जिसकी कार्य पूर्णता अवधि 15 माह रहेगी। इस टेंडर में ठेकेदारो को 3 किलोमीटर लंबी टनल की शेष खुदाई, पूर्ण अर्थ वर्क, पटरी बिछाना, टनल में जलभराव रोकथाम करना आदि शामिल हैं डॉ. नाहर ने बताया कि कोरोना काल के पहले ही 90 करोड़ की लागत से 50 प्रतिशत टनल क्षेत्र में कई जगह सरिए, कांक्रीटीकरण, खुदाई चार अलग-अलग सिरे से चालू हो गई था जो लॉक डाउन की वजह से रूक गई थी। दूसरे टेंडर की कीमत साढ़े सात करोड़ है। जिसमे इंदौर-दाहोद रेल परियोजना के सरदारपुर के पास दुर्लभ प्रवासी पक्षी खरमौर अभयारण्य की भूमि को बायपास करने के लिए नवीन जमीन का जियोलॉजिकल मैपिंग, जियोफिजिकल सर्वे, भूमि परीक्षण करना है और साथ ही पानपुरा से झाबुआ में बीच 24 गांवों की 90 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहण कर मुवावजा राशि निर्धारित कर कब्जा लेना है।
इस टेंडर की कार्यपूर्णता अवधि मात्र चार माह है जिसमे उपरोक्त कार्य आधुनिक सर्वे उपकरण लिडार से संम्पन कर फाइनल लोकेशन सर्वे रिपोर्ट रेलवे मंत्रालय को देना है जिसके बाद सरदारपुर से झाबुआ तक 105 किलोमेटर जमीन का अर्थ वर्क और पटरी बिछाने का कार्य किया जाएगा जिसके लिए चार माह बाद कई टेंडर अलग से जारी किये जाएगें
डॉ. नाहर ने बताया कि कोरोना काल के पहले लगभग 90 करोड़रुपए टनल निर्माण में लग गए थे। जिसके तहत चार जगहों से थोड़ी-थोड़ी खुदाई करके लगभग 1500 मीटर तक सुरंग खुद गई थी। जिसमे कई जगह पर सीमेंट कांक्रीट तो कई जगह पर सरिए की रिंग लगा दी गई थी, लेकिन इस बारिश में पूरी सुरंग में पानी भर गया था जो आज की तारीख में सूख गया है।