आरोपी संजय उर्फ शुभम दीक्षित को मंगलवार तक रिमांड पर लिया गया है। रविवार दोपहर एमवाय अस्पताल से डिस्चार्ज करवा कर पुलिस ने जब उससे दोबारा पूछताछ की तो उसने सात लोगों की हत्या करना स्वीकार लिया। उसने बताया कि युवती ने मुझसे प्यार का ढोंग किया था. लगभग एक महीने पूर्व मैं उससे मिलने इंसाफ पटेल के मकान पर गया तो पार्किंग में विवाद हो गया। तब ईश्वर सिसोदिया और अन्य रहवासियों ने बीच बचाव करते हुए मुझे कालोनी से भगा दिया। मैंने उसी वक्त कहा था कि मैं तुम सबको जान से खत्म कर दूंगा या जला दूंगा।
मृतकों के पांच स्वजनों के बयानों में आरोपी संजय द्वारा दी गई धमकी की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस ने बयान दर्ज करने के साथ ही मौके से पेट्रोल की बोतल, माचिस और बाइक भी जब्त कर ली। डीसीपी जोन-2 संपत उपाध्याय के मुताबिक आरोपी संजय बेहद शातिर अपराधी है। संजय के पिता देवेंद्र कुमार दीक्षित रेलवे में इंजीनियर है लेकिन वह आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया। आरोपी संजय धोखाधड़ी के मामले में पुणे की यरवदा जेल में भी बंद रह चुका है। उसने पलासिया पर एक काल सेंटर और एडवाइजरी फर्म में काम किया है। इससे पहले दिल्ली में भी लोन संबंधित काम कर चुका है. जहां वह रहा है वहां तथा अन्य शहरों से भी उसके आपराधिक रिकार्ड की जानकारी मांगी जा रही है। गिरफ्तारी के बाद उसके परिजनों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
पुलिस के अनुसार आरोपी संजय का कहना है कि इमारत में रहने वाली युवती से उसकी छह महीने से अनबन चल रही थी। एक महीने पहले ही वह बिलि्डंग में रहने वालों को जलाने की धमकी दे आया था। पार्किंग में जब वह युवती से झगड़ा कर रहा था तो ईश्वर सिसोदिया और अन्य रहवासियों ने संजय को कालोनी से भगा दिया था। जाते-जाते वह धमकियां देकर गया था। आगजनी में ईश्वर सिसोदिया जान गवां चुके हैं।