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जिस व्यापारी ने वनकर्मियों पर रुपये मांगने का लगाया था आरोप, उसी पर बना दिया फर्जी बिल देने का प्रकरण

locationइंदौरPublished: Oct 07, 2022 08:03:41 pm

Indore Forest Division : दो साल पहले अवैध गोंद परिवहन का मामला- दस्तावेज में व्यापारी को बताया फरार।- व्यापारी ने रुपये मांगने की शिकायत लोकायुक्त में भी की, बयान देने नहीं पहुंचा व्यापारी।

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इंदौर। वनकर्मियों (forest workers) पर गोंद व्यापारी द्वारा रुपये मांगने का आरोप लगते ही शुक्रवार को इंदौर वनमंडल (Indore Forest Division) ने जांच शुरू कर दी। पूरे प्रकरण में अब नया मोड़ आ गया है। बयान देने आए दोनों डिप्टी रेंजर ने गोंद व्यापारी के खिलाफ कुछ दस्तावेज अफसरों के सामने प्रस्तुत किए हैं, जिसमें व्यापारी को वन विभाग (Indore Forest Division) का आरोपित बताया है।

दस्तावेजों के आधार पर मामला दो साल पुराना है। सलाई गोंद परिवहन किए जाने को लेकर व्यापारी ने जो बिल विभाग (Fake Bill) में पेश किया था, असल में जांच के बाद तत्कालीन वन अफसरों (Indore Forest Division) ने फर्जी बताया। मगर वह अपना पक्ष (forest workers) रखने अफसरों के समक्ष नहीं पहुंचा। वहीं व्यापारी ने बेवजह प्रकरण में घसीटने fake bill on trader का आरोप भी लगाया है। उधर, व्यापारी ने रुपये मांगने की शिकायत लोकायुक्त में भी कर दी है।

दरअसल, 12 मई 2022 को वनमंडल अधिकारी नरेंद्र पंडवा ने गोंद व्यापारियों के गोदाम की जांच को लेकर आदेश दिए। इसमें डिप्टी रेंजर श्याम गोहे, महेश सोनगरा, आशीष यादव और सुनील को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। 26 अगस्त 2022 को स्टाफ गोंद व्यापारी राकेश उर्फ राहुल गुप्ता के गोदाम पर जांच करने पहुंचा। मौके पर बनाए पंचनामे में धावड़ा गोंद 300 किलो, सलाई गोंद 75 किलो मिला। इसे लेकर व्यापारी ने टीपी नंबर 59829 प्रस्तुत (Fake Bill) किया, जबकि स्टाफ रजिस्टर और लाइसेंस अपडेट नहीं मिला। वनकर्मियों (forest worker) ने पंचनामा बनाया। बाद में राकेश ने डिप्टी रेंजर गोहे, सोनगरा और जाट के खिलाफ 20 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया।

बयान देने नहीं पहुंचा व्यापारी – वनमंडल अधिकारी (Indore Forest Division) पंडवा ने शिकायत मिलते ही वनकर्मियों (forest workers) को नोटिस थमा दिया। शुक्रवार को एसडीओ केके निनामा ने जांच शुरू की और व्यापारी और वनकर्मियों को बयान के लिए बुलाया। मगर व्यापारी बयान दर्ज करवाने नहीं पहुंचा। बल्कि शहर से बाहर होने की अधिकारियों को लिखित में सूचना दी। एसडीओ निनामा ने कहा कि रिश्वत और फर्जी बिल (Fake Bill) प्रकरण को लेकर जांच चल रही है।

बिल: बिना माल दिया – 18 अगस्त 2020 को मुखबिर से सूचना पर तेजाजी नगर के पास तत्कालीन तिल्लौर डिप्टी रेंजर गोहे व स्टाफ ने सफेद बोलेरो (एमपी 09 जीएच 2529) को रोका, जिसमें सलाई गोंद रखा था। यह देड़तलाई गांव से बुरहानपुर लाया गया। गोंद तेजाजी नगर के यूनुस गांधी की दुकान पर पहुंचना था। वाहन में 250 किग्रा गोंद जब्त किया गया। मौके पर ड्राइवर सुरेश और दिपेश के पास गोंद संबंधित कोई दस्तावेज मौजूद नहीं थे।

बाद में राकेश पुत्र त्रिलोकचंद्र गुप्ता ने अफसरों के सामने बिल (Fake Bill) प्रस्तुत किया। बिल क्र. 243 में 18 अगस्त की तारीख थी, जिसमें 2800 किग्रा गोंद बताया गया। जांच के बाद तत्कालीन एसडीओ संदीप गौतम में फर्जी (Fake Bill) बताया। पूछताछ के लिए राकेश ऊर्फ राहुल गुप्ता को बुलाया, जिसमें उसने यूनूस को बिना माल दिए सिर्फ बिल (Fake Bill) देने के बयान दिए। इसके आधार पर विभाग ने यूनुस गांधी और राकेश को भी सहआरोपित बनाया। मामला इन दिनों न्यायालय में चल रहा है।

बेवजह घसीटा प्रकरण में – राकेश उर्फ राहुल गुप्ता ने बताया कि गोदाम की जांच के नाम पर वनकर्मियों ने रुपये मांगे। बार-बार मुझे परेशान करते थे। वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की है। गुप्ता ने बताया कि गोंद परिवहन मामले में मुझे बेवजह घसीटा है। बिल (Fake Bill) प्रस्तुत कर दिए थे। मामला न्यायालय में चल रहा है।

करवा रहे जांच – इंदौर वनमंडल के डीएफओ का कहना है कि गोंद व्यापारी पर फर्जी बिल (Fake Bill) प्रस्तुत करने की जानकारी मुझे बाद में पता चली है, जिसमें व्यापारी को फरार बताया है। वैसे अधिकारियों को निर्देश देकर इसकी भी जांच करवाई जा रही है। व्यापारी का पुराना रिकार्ड भी खंगालेंगे।

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