आखिर क्यों दोबारा इंदौर ही बना स्वच्छता में नंबर वन ?
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में भी इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहर

इंदौर.इंदौर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में नंबर वन का पायदान फिर हासिल हुआ है। केंद्र सरकार ने 2018 के स्वच्छता सर्वे के लिए ये छह कसौटियां रखी थीं। आइए बताते हैं आपको कि इंदौर ने किन कसौटियों पर खरा उतर कर ये पायदान हासिल किया.....
इन कसौटियों पर खरा उतरा इंदौर
कचरे का संग्रहण और परिवहन : इसमें कचरे को अलग-अलग करने के साथ ही घरों से कचरा लिया जाना था।
इंदौर ने ये किया : पूरे देश में इंदौर एकमात्र शहर था जहां घरों में ही गीला और सूखा कचरा अलग-अलग कर लिया जाता है। यही नहीं घरों से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करके उसे कचरा ट्रांसफर स्टेशन लाया जाता है। जहां गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग ही निस्तारण के लिए ट्रेचिंग ग्राउंड भेज दिया जाता है।
कचरे का निपटान: शहर से निकलने वाले कचरे के निपटान और निस्तारण के लिए काम करना।
इंदौर ने ये किया : शहर से निकलने वाले कचरे के निपटारे पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया। गीले कचरे का कॉलोनियों में, बड़े संस्थानों में ही निपटान करने पर ध्यान दिया, वहीं सूखे कचरे में मौजूद प्लास्टिक को दोबारा उपयोग लायक बनाने के लिए दो प्लांट बनाए। इसके अलावा सब्जियों के कचरे से गैस बनाने के प्लांट लगाकर उसका निपटारा किया।
सफाई संबंधी काम : खुले में शौच मुक्त शहर बनाने, पर्याप्त शौचालयों का इस्तेमाल
ये किया इंदौर ने : खुले में शौच मुक्त शहर बनाने के लिए शहर ने 20 हजार से ज्यादा एकल शौचालयों का निर्माण करने के साथ ही 250 से ज्यादा सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया। २ हजार से ज्यादा मूत्रालयों का निर्माण करने के साथ ही उनमें सफाई, पानी, रोशनी आदि की पूरी व्यवस्था की गई।
सूचना, संचार और शिक्षा : शहरवासियों को स्वच्छता के लिए जागरूक करने के लिए काम करना
ये किया इंदौर ने : शहर के सभी प्रमुख बाजारों के व्यापारी संघों और रहवासी संघों को स्वच्छता में शामिल किया। महापौर जिस भी समारोह में जाती उसमें लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलातीं। शहर के सभी तबकों के बीच सफाई को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई। बच्चों के लिए स्वच्छता विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता के साथ ही शान म्यूजिकल नाइट आयोजित की गई।
क्षमता बनाना - निगम ने जहां अपने संसाधन बढ़ाए। वहीं देश के सबसे आधुनिक 10 कचरा ट्रांसफर स्टेशन खड़े किए। सफाई के काम में लगी सभी गाडिय़ों को जीपीएस और अन्य तकनीकों से लैस किया। कचरा प्रोसेसिंग प्लांट खड़े किए।
अभिनव प्रयास - निगम ने शहर के सभी वार्डों, स्कूलों, कॉलेज, हॉस्पिटल, होटल आदि में स्वच्छता को लेकर श्रेष्ठ में सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगिता आयोजित कर शहरवासियों को इससे जोड़ दिया।
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