वैश्विक महंगाई के कारण भारत समेत दुनियाभर में ब्याज दरें बढऩे की आशंका है। इससे इक्विटी मार्केट की तेजी पर लगाम लग सकती है। महामारी के बाद सोने को भी समर्थन मिलना बंद हो जाएगा। इन हालातों को देखते हुए चांदी में निवेश बेहतर विकल्प हो सकता है। तीन साल में यानी 2024 तक चांदी 1.50 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच सकती है। सोना 60,000 से 70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम रहने का अनुमान है। केडिया एडवाइजरी के प्रबंध निदेशक अजय केडिया ने कहा, फेडरल रिजर्व इस साल तीन बार दरें बढ़ा सकता है। इसकी आशंका से भू-राजनीतिक तनाव के कारण इक्विटी मार्केट में जारी तेजी थम सकती है। कोरोना के बाद अनिश्चितता कम होगी, जिससे सोने का आकर्षण भी घटेगा। अभी चांदी 65,000 के आसपास है। इस साल इसके 80,000 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। इस लिहाज से चांदी 2022 में 33 फीसदी और 2024 तक 250त्न तक रिटर्न दे सकती है। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी से 20 जनवरी, 2022 तक चांदी 3% रिटर्न दे चुकी है, जबकि सोना 0.5%ही चढ़ा है।
रत्न और आभूषण के निर्यात में आया उछाल अप्रैल-दिसंबर 2021 की अवधि में रत्न और आभूषण निर्यात बेहतर मांग से अमेरिका, हांगकांग और थाईलैंड सहित प्रमुख देशों में 5.76 प्रतिशत बढक़र 29.08 अरब डॉलर हो गया। जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने यह जानकारी दी है। दिसंबर 2021 में निर्यात 29.49 प्रतिशत बढक़र 3.04 अरब डॉलर हो गया। संयुक्त राज्य अमेरिका, हांगकांग, थाईलैंड और इजऱाइल जैसे महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्रों में छुट्टी और फेस्टिवल होने से मांग में मजबूती थी और हमारे पास विश्वास करने का यह कारण है कि यह गति वित्त वर्ष 2022 के अंत तक जारी रहेगी।