इंदौर. वर्ष 1951 में बने यानी 69 वर्ष पुराने जवाहर मार्ग पुल को तोडऩे की कार्रवाई आज अल सुबह 5.30 बजे से शुरू की गई। नगर निगम की पोकलेन मशीन ने जैसे ही पुल के पिलर पर पंजा मारा, वह भरभराकर गिरने लगा। पुल इतना कमजोर व खतरनाक हो गया था कि किसी भी दिन गिर सकता था और बड़ा हादसा हो जाता, क्योंकि पुल पर सुबह से देर रात तक वाहन गुजरते रहते थे। गनीमत है कि समय रहते पुल की जर्जर हालत सामने आ गई और वर्षों पुराने पुल को बनाने का मुहूर्त निकल गया।
पिछले दिनों हुई बारिश के दौरान जवाहर मार्ग पुल का एक पिलर धंस गया था। इसके लिए पुल से ट्रैफिक को बंद करने के साथ पुल को नए सिरे से बनाने की कवायद निगम ने शुरू कर दी। कल हुई स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट बोर्ड की बैठक में पुल को तोडऩे के साथ शॉर्ट टेंडर बुलाकर निर्माण कार्य शुरू करने का फैसला लिया गया। इसके चलते आज सुबह 5.30 बजे निगम का अमला जवाहर मार्ग पुल पर पहुंचा। इसके बाद कान्ह नदी पर बने पुल को तोडऩे के लिए 3 पोकलेन मशीन उतारी गईं। जैसे ही पोकलेन का पंजा पुल के पिलर पर लगा, वह भरभराकर गिरने लगा। इससे यह स्पष्ट हो गया कि जवाहर मार्ग पुल काफी कमजोर हो गया था और बारिश की वजह से पिलर न धंसता तो पुल से गुजरने वाले हैवी ट्रैफिक के कारण किसी भी दिन बड़ा हादसा हो जाता, क्योंकि पुल नीचे से पूरी तरह जर्जर हो गया और किसी भी दिन गिर जाता। पुल तोडऩे की कार्रवाई के चलते बिजली बंद करने के साथ ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया।
शाम तक पूरी होगी कार्रवाई निगम अफसरों का कहना है कि पुल तोडऩे की कार्रवाई शाम तक पूरी होगी। इसके बाद दो से तीन दिन में मलबा हटाया जाएगा। साइट क्लियर होने के साथ पुल बनाने की टेंडर प्रक्रिया होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
बाल-बाल बचे आयुक्त और अन्य अफसर पुल को तोडऩे की कार्रवाई के चलते निरीक्षण करने सुबह 6.30 बजे आयुक्त आशीष सिंह पहुंचे। उनके साथ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ और अपर आयुक्त रोहन सक्सेसना, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा, पुल-पुलिया प्रकोष्ठ के कार्यपालन यंत्री अनूप गोयल, योजना शाखा के सहायक यंत्री नरेश जायसवाल और रिमूवल विभाग के उपायुक्त महेंद्र सिंह चौहान आदि मौजूद थे। आयुक्त सिंह और अफसर टूट रहे पुल के दूसरी तरफ निरीक्षण कर रहे थे। जैसे ही अफसर निरीक्षण करने के लिए आगे बढ़े, वैसे ही एक मिनट बाद पोकलेन मशीन के वाइब्रेशन की वजह से निरीक्षण स्थल की तरफ पुल गिर गया। अगर अफसर समय रहते नहीं हटते तो हादसा हो जाता। इसके बाद आयुक्त सिंह ने भी माना कि पुल की हालत बहुत जर्जर और खतरनाक हो गई थी, क्योंकि पुल ट्रैफिक गुजारने के लायक बचा ही नहीं था। अगर ट्रैफिक गुजरता तो हादसा हो जाता। उन्होंने उन लोगों को भी आड़े हाथ लिया, जो पुल की हालत जाने बगैर एक तरफ से निर्माण कर दूसरी तरफ ट्रैफिक चालू करने की बात कह रहे थे।
5 करोड़ में बनेगा नया पुल जवाहर मार्ग को तोड़कर फिर से बनाने के लिए निगम ने शॉर्ट टेंडर जारी किए हंै। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत निगम 5 करोड़ रुपए की लागत से यह पुल बनाएगा। गौरतलब है कि जवाहर मार्ग पुल बनाने का ठेका निगम ने न्यू दिल्ली की गैनन डंकर्ले एंड कंपनी लिमिटेड को दिया, लेकिन इसका काम ठीक नहीं होने पर नया टेंडर बुलाया गया है। इसके साथ ही पुल बनाने का टारगेट रखा गया है। तय समय से काम में देरी होने पर ठेकेदार कंपनी को पेनल्टी लगेगी।
आज रात तक वैकल्पिक मार्ग पूरा करने के आदेश टूट रहे जवाहर मार्ग को देखने के लिए पहुंचे आयुक्त सिंह ने निगम अफसरों के साथ पैदल-पैदल वैकल्पिक मार्ग का दौरा भी किया। उन्होंने चंपाबाग, चंद्रभागा और जवाहर मार्ग पर निरीक्षण किया, ताकि कल से इन वैकल्पिक मार्ग पर ट्रैफिक डायवर्ट किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने चंपाबाग और चंद्रभागा पुल की सड़कों की हालत आज रात तक सुधारने के साथ अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हंै।
प्लान समझाने के लिए मौके पर बुलाया ट्रैफिक एसपी को चंपाबाग और चंद्रभागा पुल की तरफ से ट्रैफिक कैसे डायवर्ट होगा, इसका प्लान समझाने के लिए आयुक्त सिंह ने मौके पर ही एडिशनल एसपी ट्रैफिक महेंद्र जैन को मौके पर बुलवाया। इन्हें पूरा प्लान समझाने के साथ कैसे लागू होगा, इस बारे में आयुक्त सिंह ने उनसे चर्चा की। इसके साथ ही दोनों पुल की एप्रोच रोड का काम जल्द पूरा कराने के लिए जनकार्य विभाग के अधीक्षण यंत्री अशोक राठौर को निर्देशित किया। डायवर्शन के चलते लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए साइन बोर्ड लगाने के लिए निगम यातायात एवं परिवहन विभाग के सहायक यंत्री पीसी जैन को बोला गया।
दोपहर 12 बजे तक दिया लोगों को समय जवाहर मार्ग पुल पर से बंद हुए ट्रैफिक को चंपाबाग और चंद्रभागा पुल की तरफ डायवर्ट करने की प्लानिंग की गई है। इन दोनों पुल से ट्रैफिक को गुजरने में अतिक्रमण बाधा न बने, इसके लिए लोगों को स्वयं ही अपने अतिक्रमण और बाधक निर्माण हटाने के लिए आज दोपहर 12 बजे तक का समय दिया गया है। इसके बाद निगम रिमूवल विभाग का अमला कार्रवाई करने मैदान में उतरेगा।
नहीं ली विस्फोटक की मदद निगम द्वारा विस्फोट विशेषज्ञ शरद सरवटे की मदद लेकर विस्फोटक लगाकर पुल उड़ाने का भी विचार किया गया। साथ ही यह तय किया गया कि पहले पुल को थोड़ा तोड़कर देखा जाए। अगर आसानी से टूट जाता है तो ठक वरन् विस्फोट के माध्यम से इसे तोड़ा जाएगा। अब जब पुल आसानी से ही टूट कर गिर रहा है तो फिर विस्फोट करने की कोई जरूरत ही शेष नहीं रह जाती है। इसीलिए निगम ने विस्फोट लगाकर पुल तोडऩे की योजना बदल दी।
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