scriptआओ ग्लोबल सिटी की ओर बढ़ाएं एक और कदम | INDORE : Let's take one more step towards Global City | Patrika News

आओ ग्लोबल सिटी की ओर बढ़ाएं एक और कदम

locationइंदौरPublished: Jan 01, 2022 02:30:22 am

संकल्पों के साथ हो उम्मीदों का सूर्यादय

आओ ग्लोबल सिटी की ओर बढ़ाएं एक और कदम
नितिन चावड़ा/संदीप पारे
इंदौर. महामारी के बाद वर्ष-2022 को दुनिया बड़ी उम्मीद के साथ देख रही है। दुनिया की हर विधा विज्ञान-तकनीकी, मेडिकल साइंस, ज्योतिष सभी के लिए यह बदलाव का वर्ष होगा। बदलाव के इस दौर में हमारा शहर इंदौर भी कई उम्मीदों के साथ ग्लोबल सिटी की तरफ आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है। ग्लोबल सिटी के इस सपने को गढऩे के लिए हर मानक पर काम शुरू हो चुका है। इसे तय करने के लिए उन्नति को इन कसौसिटों पर कसने के लिए हमारी आर्थिक, प्राकृतिक क्षमताएं, नवाचारी सोच, उद्यमशीलता और मानव संसाधन की भी पूरी तैयारी है। अब वह दिन दूर नहीं, जब इंदौर ग्लोबल सिटी के साथ कदम ताल करने लगेगा। ग्लोबल सिटी के फोरम की चुनौतियों को पार करके अपने आप को इसमें शुमार करें। राजनीतिक, प्रशासनिक व स्थानीय लोगों की भागीदारी व जज्बे के दम पर हमारे कदम इस ओर बढ़ें, इन्हीं संकल्पों के साथ 2022 की उम्मीदों का सूर्योदय हो।
शहर को मेट्रोपॉलिटिन सिटी का दर्जा मिल चुका है। अब कोशिशें इसे दुनिया के उत्कृष्ट शहरों में शामिल करने की है। जब हम इंदौर को ग्लोबल सिटी के मानकों की उम्मीदों की कसौटी पर कसते हैं तो वे भी हमारा हौसला बढ़ा रही हैं। हमारी तैयारियां 2035 और 2050 तक के भविष्य के इंदौर को देखने की है। जीवन की गुणवत्ता में तेजी से सुधार हो रहा है। शिक्षा को कौशल विकास से जोड़कर हमारे नीतिकारों ने मानव संसाधन का बेहतर उपयोग सीख लिया है। हमारे यहां अलग-अलग संस्कृति, भाषाओं के बीच बेहतर संवाद है। आइए देखते हैं, ग्लोबल सिटी के मानकों की उम्मीदों की कसौटी पर
हमारा इंदौर कितना खरा है?

उद्योग-उद्यमिता-कारोबार: ग्लोबल इंडस्ट्री सेंटर बना इंदौर
इंदौर शुरू से ही उद्यमियों का शहर रहा है। यह पूरे प्रदेश में हर तरह के व्यापार का प्रमुख केंद्र है। यह शहर अब एक ग्लोबल इंडस्ट्री सेंटर की तरह स्थापित हो रहा है। प्रदेश का 60 प्रतिशत एक्सपोर्ट यहीं से होता है। वर्तमान में हम ई-व्हीकल पीथमपुर से बनाकर देश-दुनिया को भेज रहे हैं। करीब 2 लाख करोड़ के सालाना कारोबार से मध्यप्रदेश की इकोनॉमी में हमारा योगदान 40 प्रतिशत तक है। स्टॉक एक्सचेंज की गतिविधियां भी जारी हैं। इंटरनेशनल ट्रेड में आगे हैं।

उम्मीदें : कारोबारी सेंटर बढ़ रहे हैं। नए-नए उद्यमों को शहर व आसपास लाने के लिए बड़ी योजनाएं तैयार की जा रही हैं। अगले 10 साल में इंदौर से पीथमपुर के बीच इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाकर 15000
हेक्टयर का नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने वाले हैं। इससे 1.80 लाख रोजगार के अवसर मिलेंगे।

शिक्षा-शोध व विकास : आइटी और फार्मा में बढ़ाए कदम
इंदौर में अच्छे शैक्षणिक माहौल के साथ बेहतर शिक्षण संस्थान हैं। आइआइटी, आइआइएम दोनों हैं। विज्ञान व तकनीक विकास के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी सेंटर, कृषि अनुसंधान केंद्र, सोयाबीन अनुसंधान केंद्र हैं। फार्मास्यूटिकल सेज है, जहां दवा निर्माण व शोध हो रहा है। दुनिया का सबसे एडवांस ऑटो टेस्टिंग ट्रेक भी हमारे पास है। आइटी में भी हम पीछे नहीं हैं। टीसीएस-इन्फोसिस भी शहर में हैं। हमने कोराना काल में बेहतर काम किया।

उम्मीदें : आइआइटी ने कोरोना की दवा इजाद की। फार्मा इंडस्ट्री ने हौसला दिया। हम विज्ञान व तकनीकी नवाचार को उद्यमिता से जोडऩे की दिशा में आगे बढ़े। आइटी कंपनियों ने शहर के कॉलेजों के साथ अनुबंध किए हैं। कैट से जनउपयोगी तकनीकी उद्योगों तक पहुंचने लगी। नीति आयोग ने आइआइटी को ई-व्हीकल टेस्टिंग केंद्र बनाया है।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान नेचुरल व मेडिकल टूरिज्म का भी केंद्र
इंदौर शुरू से ही ऐतिहासिक महत्व व बहुभाषी लोगों का शहर है। इसके आसपास उज्जैन व ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और कई ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं। यहां अलग-अलग समय पर उत्सव भी होते रहते हैं। जैसे नर्मदा किनारे पर जल महोत्सव, मांडू उत्सव, आदिवासी संस्कृति से सरोबार भगोरिया आदि। मेडिकल टूरिज्म, नेचरल टूरिज्म का भी यह अच्छा केंद्र है। म्यूजियम, ऐतिहासिक भवन आदि आकर्षण का केंद्र हैं।
उम्मीदें : सरकार द्वारा इंदौर को ओम सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे यहां पर पर्यटन को बढ़ावा मिल सकेगा। स्मार्ट सिटी के तहत कल्चरल सेंटर तैयार हो रहा है। इसके अलावा निजी कन्वेन्शन सेंटर हैं, जिनमें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंसेस बढ़ रही हैं।

हम तक पहुंच (एक्सेबिलिटी) : आधुनिक इंट्रासिटी नेटवर्क बन रहा
देश दुनिया के शहरों तक पहुंचने के लिए हवाई, रेल और मोटर परिवहन पर्याप्त हैं। इंट्रा सिटी नेटवर्क भी बहुत आधुनिक मॉड बीआरटीएस व मेट्रो के साथ तैयार हो रहा है। इंदौर से सीधे दुबई पहुंच सकते हैं। शारजाह की भी सीधी फ्लाइट की तैयारी है। इसके अलावा इंटरनेशनल कार्गो भी उपलब्ध है। रेलवे के ट्रैक का विकास हो रहा है। समुद्र तक सीधी पहुंच बहुत आसानी से हो जाएगी। हमारे प्रयोग दुनिया के बाकी शहरों की तुलना में बेहतर साबित हो रहे हैं।
उम्मीदें : जल्द ही हमारे शहर का हवाई संपर्क दुनिया के बाकी देशों से जुड़े। अमरीका, यूरोप के बड़े शहरों से सीधा संपर्क हो जाएगा। इसके लिए 3 हजार एकड़ जमीन पर काम चल रहा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से भी इंदौर को जोड़ा गया है। इससे दोनों शहरों की ओर ट्रेड आवाजाही और अधिक आसान बनेगी।

पर्यावरण सुधार : एक्यूआइ 50 तक लाने की कोशिश
स्वच्छता की प्रतिस्पर्धा ने शहर को साफ करने के साथ ही आबो-हवा को भी शुद्ध रखने के लिए प्रेरित किया है। हमारा काम अच्छे पर्यावरण के तीनों पहलुओं पर चल रहा है। हरियाली 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। भूजल की गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। सबसे अहम वायु प्रदूषण पर भी नियंत्रण के लिए काम शुरू हो गया है। इसके लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिससे 2025 तक एक्यूआइ 50 तक लाने के प्रयास होंगे।
उम्मीदें : हवा की गुणवत्ता के राष्ट्रीय व अतंरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट चल रहे हैं। सीएनजी उत्पादन प्लांट और सौर ऊर्जा की तरफ झुकाव प्रमुख है। पेट्रोल-डीजल की खपत को कम करने के प्रयास शुरू हो चुके हैं। कार्बन क्रेडिट से कमाई शुरू करने वाला इंदौर पहला नगर निगम है। हरियाली के लिए सिटी पार्क व पौधरोपण बढ़ा रहे हैं।

रहने लायक परिस्थितियां : काम काज का भी अच्छा माहौल
आमतौर पर शहर में बसने वाले नागरिकों की मंशा होती है कि रहने के लिए सेवाएं और सुविधाएं बेहतर हों। साथ ही शहर आर्थिक रूप से वहन करने योग्य हो। इंदौर इसके लिए बेहतर स्थिति में है। यहां काम-काज के लिए अच्छा माहौल है। रहने के लिए जरूरी सेवाओं की कीमत भी अफोर्डेबल है। सुरक्षा की दृष्टि से भी यह एक बेहतर शहर है। लोक व्यवहार भी मिलनसार है। लोक परिवहन की दरें भी कम हैं।
उम्मीदें : शहर का विस्तार हो रहा है। नए मास्टर प्लान में निवेश क्षेत्र बढ़ाने के साथ ही केंद्रित विकास की पहल की जा रही है। पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू होने से सुरक्षा और बेहतर होगी। ट्रैफिक की स्थितियों में सुधार आएगा। शॉपिंग सेंटर्स व मॉल आकार ले रहे हैं। अब तो इंटरनेशनल फुड रेस्त्रां भी शहर में खुलने लगे हैं।

अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को बुलाना होगा
ग्लोबल सिटी के लिए अलग-अलग स्तर पर काम करना होगा। उद्योगों में उत्पादन स्तर पर। इस क्षेत्र में केंद्र की पीएलआइ स्कीम और प्रदेश सरकार सहयोग करके बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करे। दूसरा आइटी में भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अवसर देना होंगे। तीसरी संभावना पर्यटन की है। यहां अच्छी साइट्स हैं, लेकिन लोकल कनेक्टिविटी प्लान नहीं होने से विदेशी पर्यटक कम आते हैं।
प्रो. गणेश कुमार, इकानॉमिस्ट, आइआइएम

उद्यमशीलता में इंदौर है नंबर – 1
औद्योगिक विकास और उद्यमशीलता की दृष्टि से हमारा शहर बहुत ही मजबूत है। यहां के लोग उद्यमशीलता में नंबर वन हैं। उद्योगों के लिए तो काम करने का सबसे अच्छा वातावरण यहां है। इसलिए शहर के आसपास औद्योगिक क्षेत्रों में मांग बनी रहती है। काम और काम करने वालों की उपलब्धता की दृष्टि से यह शहर उद्योगों के लिए सहयोगी है। यहां हर तरह का लेबर आसानी से मिल जाता है।
प्रवीण अग्रवाल, बोर्ड मेंबर सीआइआइ

अर्बन विलेज नहीं कल्चर बनाएं
हम इंदौर को एक अर्बन विलेज की तरह तो विकसित कर रहे हैं। जबकि इसमें एक अर्बन सिटी की तरह विकसित होने की भरपूर संभावना है। यहां का हेरिटेज, यहां का कल्चर और यहां के लोग तीनों इसके लिए बड़ी ताकत है। इंदौर में विकास तो हो रहा है, लेकिन इसमें एकरूपता की कमी है। दिल्ली मुंबई जैसे शहरों को विकसित करने के लिए अर्बन आर्ट कमेटी बनी हुई है। इंदौर में भी यह बनाना चाहिए।
हिमांशु दुधवड़कर, आर्किटेक्ट

समग्र महानगर का मास्टर प्लान बने
इंदौर में ग्लोबल सिटी बनने की पूरी संभावनाएं हैं। सरकार ने इस ओर कदम भी बढ़ा दिए हैं। इन कदमों को गति देने की जरूरत है। इंदौर को मेट्रोपॉलिटन एरिया घोषित कर दिया गया है। सुनियोजित विकास करना है तो मास्टर प्लान में इसे भी शामिल करना होगा। 2035 में इंदौर मिनी मेगा सिटी बन जाएगा। 2050 में यह मेगा सिटी का स्वरूप ले लेगा।
अजीत सिंह नारंग, मास्टर प्लान विशेषज्ञ
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