कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन में लोकसभा चुनाव को लेकर बैठक रखी गई। इसमें हारे-जीते विधायक, पार्षद, मोर्चा संगठन के पदाधिकारी, ब्लॉक अध्यक्ष, शहर और प्रदेश पदाधिकारी सहित अन्य कई नेताओं को बुलाया गया। लगातार आठ बार से हार रही इंदौर संसदीय सीट को कैसे जीता जाए इस पर मंथन करने और कांग्रेस नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं को चुनाव में एकजुट होकर काम करने का पाठ पढ़ाने के लिए यह बैठक रखी गई। इसको लेकर तय किया गया था कि बैठक में सिर्फ मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, तुलसी सिलावट, जीतू पटवारी और शहर कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ही बोलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मंत्रियों के साथ ही कांग्रेस के कई भाषणबाज नेता बोलने के लिए खड़े हो गए। इन नेताओं ने इतने बड़े-ड़े भाषण दिए कि मोर्चा संगठन सहित अन्य कई पदाधिकारियों को बोलने का मौका नहीं मिला। इस पर काफी हंगामा हुआ और भाषणबाज नेताओं के साथ-साथ शहर कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल पर मोर्चा संगठन सहित अन्य पदाधिकारी भड़क गए।
बैठक खत्म होने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष बाकलीवाल के समक्ष मोर्चा संगठन के पदाधिकारियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हर बैठक में हमें तव्वजो नहीं मिलती है। जब हमें बोलने नहीं दिया जाता है तो बैठक में बुलाते क्यों हो? सबके साथ एक जैसा व्यवहार रखना चाहिए। इस पर बाकलीवाल ने काफी समझाईश दी और आश्वासन दिया कि अगली बार से व्यवस्थाओं में बदलाव किया जाएगा। हंगामे को जैसे-तैसे कांग्रेस के अन्य नेता राजेश चौकसे, अनिल यादव, पंकज संघवी, चिंटू चौकसे, पिंटू जोशी और अमन बजाज आदि ने शांत किया। बैठक में कांग्रेस ने तय किया कि रंगपंचमी निपटने के बाद विधानसभावार बैठक करके बूथ मैनेजमेंट जमाने के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाई जाएगी। चलती बैठक में से पूर्व विधायक अश्विन जोशी के जाने को लेकर चर्चा का बाजार गर्म रहा।
भाषण पिलाने के बजाय ऊपर करो बात
बैठक में नेताओं को भाषण ज्यादा होने पर मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी नाराजगी जाहिर की। उनका कहना था कि गांधी भवन में बैठकर नेता छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं को बड़े-बड़े भाषण पिलाते हैं। अपनी पूरी भड़ास निकाल देते हैं, लेकिन जब पार्टी के बड़े नेताओं के सामने बोलने की बात आती है तो चुप्पी साथ लेते हैं। हिम्मत है तो छोटे कार्यकर्ताओं को भाषण पिलाने के बाजय ऊपर बात करके बताएं। उनका इशारा लंबे-लंबे भाषण देने वालों की तरफ था। मंत्री जीतू पटवारी ने कांग्रेसियों को एकजुट होकर चुनाव लडऩे की सीख देने के साथ मैदान पकडऩे की बात कही है।
बैठक में नेताओं को भाषण ज्यादा होने पर मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी नाराजगी जाहिर की। उनका कहना था कि गांधी भवन में बैठकर नेता छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं को बड़े-बड़े भाषण पिलाते हैं। अपनी पूरी भड़ास निकाल देते हैं, लेकिन जब पार्टी के बड़े नेताओं के सामने बोलने की बात आती है तो चुप्पी साथ लेते हैं। हिम्मत है तो छोटे कार्यकर्ताओं को भाषण पिलाने के बाजय ऊपर बात करके बताएं। उनका इशारा लंबे-लंबे भाषण देने वालों की तरफ था। मंत्री जीतू पटवारी ने कांग्रेसियों को एकजुट होकर चुनाव लडऩे की सीख देने के साथ मैदान पकडऩे की बात कही है।