गौरतलब है, सालों से अफरशाही में उलझे अस्पताल के प्रोजेक्ट की आखरी समय सीमा इस वर्ष मार्च माह तक की थी। निर्माण एजेंसी पीआईयू द्वारा अब तक काम पूरा कर इमारत हेंडओवर नहीं की गई है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज ने जुलाई माह में एक मंजिल पर ओपीडी लगाकर अस्पताल को शुरू करने की योजना बनाई है। अन्य सुविधाएं अगल-अलग हिस्सों में एमवाय अस्पताल से यहां शुरू की जाएगी। फिलहाल महिला रोग व प्रसूती विभाग की ओपीडी एमवाय अस्पताल में है और पहली मंजिल पर वार्ड है। एमटीएच में ओपीडी शुरू होने पर जांच और आगे के इलाज के लिए महिलाओं को एमवाय अस्पताल के चक्कर काटना पड़ेगें। एमवाय अस्पताल में हर माह 1500 प्रसूती शहर में सबसे ज्यादा होती हैं। एमटीएच अस्पताल के शुरू करने का उ²ेश्य ही एक छत के नीचे गर्भवति महिलाओं के इलाज, प्रसूती और नवजात बच्चों की देखरेख होना है। 550 बिस्तर का यह अस्पताल प्रदेश में सबसे बड़ा महिला अस्पताल होगा।
जल्दबाजी असल वजह कॉलेज प्रबंधन अस्पताल के लोकापर्ण की की जल्दबाजी इसलिए दिखा रहा है, क्योकि 7 जुलाई को कॉलेज की एमबीबीएस सीट को 150 से बढ़ाकर 250 का आवेदन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को करना है। अक्टूबर माह में एमसीआई की टीम दौरा करने आएगी। एमटीएच महिला अस्पताल को 150 करोड़ के अपग्रेशन प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। अस्पताल शुरू नहीं होने पर मान्यता पर संकट आ जाएगा।
8 साल से चल रही कवायाद वर्ष 2010 में बनी डीपीआर में अस्पताल 550 बेड का मंजूर हुआ था। पुरानी बिल्डिंग तोड़ दी गई लेकिन काम में देरी होने से लागत बढ़ती गई। लागत बढऩे से 150 बेड का बनाना पड़ा। ऐसी स्थिति भी आई कि 100 बेड का बनाने की हालत भी नहीं रही। वर्ष 2015 में इसका काम रुकवाया गया। प्लानिंग के अनुसार तीन ब्लॉक में आईसीयू, ओटी, पैथोलॉजी बनना है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए राज्य शासन से 18 करोड़ की मांग की गई। आखिर अपग्रेशन प्रोजेक्ट में शामिल कर १७ करोड़ रुपए एक साल पहले मंजूर हुए।
यह सुविधाएं जुटाना हैं एमटीएच अस्पताल में 425 बेड महिलाओं और 75 बेड बच्चों के लिए होंगें। एसएनसीयू, पीआईसीयू, ब्लड बैंक, सोनोग्राफी, इंडोस्कॉपी, सर्जरी, मेडिसिन, शिशुरोग, एनेस्थेसिया, पैथोलॉजी, माइक्रोबायलॉजी जैसे विभाग होंगें। चार ओटी, ह्यूमन मिल्क बैंक आदी सुविधाएं भी शुरू की जाना है।
अगले माह अस्पताल को शुरू कर दिया जाएगा। यहां सुविधाएं अलग-अलग हिस्सों में शुरू करने की योजना बनाई है, ताकि काम जल्दी पूरा किया जा सके। १५ से २० दिन में इमारत हेंड ओवर हो जाएगी। सबसे पहले ओपीडी शुरू होगी। उपकरण खरीदी का काम सरकार के जेम्स पोर्टल से शुरू कर दिया गया है। फिलहाल उपलब्ध स्टॉफ से काम शुरू किया जाएगा। इसके बाद नए स्टॉफ की भर्ती की जाएगी। मरीजों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए एमवाय अस्पताल से महिला रोग व प्रसूती विभाग को पूरी तरह से यहां शिफ्ट जल्द से जल्द किया जाएगा।
डॉ. शरद थोरा, डीएन एमजीएम मेडिकल कॉलेज