ऐसे प्रथम 500 रहवासियों का सम्मान करने और प्रमाण-पत्र देने का फैसला नगर निगम ने किया। इसकी शुरुआत आज लोकमान्य नगर से हुई। यहां पर स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने के बाद से शत-प्रतिशत लोग कचरे का निपटान खाद बनाकर घर पर ही कर रहे हैं, जिसका उपयोग घर के पौधे और बगीचों में किया जा रहा है। लोकमान्य नगर के हर घर में कचरे का निपटान होने पर महापौर मालिनी गौड़ रहवासियों को प्रमाण-पत्र बांटने निकलीं। इस दौरान उनके साथ क्षेत्रीय पार्षद और निगम के अफसर भी थे। प्रमाण-पत्र देने के साथ ही लोगों के घर पर एक स्टीकर भी चस्पा किया गया। जिन रहवासियों द्वारा खाद बनाई जा रही है, उन्हें घर-घर से कचरा संग्रहण शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी। इससे जनता का काफी आर्थिक फायदा होगा।
मालूम हो कि स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के दो बार देश में नंबर वन आने पर भारत के कई प्रदेश और शहर सहित विदेश से लोग सफाई व्यवस्था देखने आते हैं, जिन्हें लोकमान्य नगर जरूर ले जाया जाता है। गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के तहत निगम ने शहर के 50 हजार घरों में होम कम्पोस्टिंग के जरिए कचरे से खाद बनवाने का लक्ष्य रखा है।